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पटना के डा0 जाकिर हुसैन उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमे डा0 जाकिर हुसैन उच्च विद्यालय +2 के प्रधानाचार्य नकी इमाम ने संबोधित किया साथ में समाज सेवी वसी अख़्तर और शिक्षक परवीन कुमार भी उपस्थित रहे. उन्होंने अपनी बात रखते हुए निमन बिंदुओं पर सरकार और मीडिया का ध्यान आकर्षित कराया ।

• डा0 जाकिर हुसैन उच्च विद्यालय +2 , सुलतानगंज, पटना में स्थित एक मुस्लिम अल्पसंख्यक विद्यालय है जो अल्पसंख्यक समुदाय में शिक्षा का प्रचार प्रसार विगत 51 वर्षो से कर रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालय का अधिग्रहण किया गया एवं तत्कालीन शिक्षा मंत्री द्वारा भवन और भूमि की शर्तो को शिथिल करते हुए स्थाई मान्यता 1983 में शिक्षा विभाग द्वारा प्रदान की गई।

• बिहार बोर्ड को कोरोना काल में (06 अप्रैल-2021) में एक परिवाद प्राप्त हुआ जिसमें किसी का कोई हस्ताक्षर नहीं था और न ही कोई शपथ पत्र संलग्न थी।बिहार विद्यालय परीक्षा समिति इसी परीवाद के आधार पर त्रि-सदस्यी कमिटि को विद्यालय जाँच करने हेतु दो-तीन दिनों के अन्दर भेजती है और विद्यालय का पक्ष सुने बिना उपरी आदेश को मानते हुए दो महीने के अन्दर विद्यालय की मान्यता रद्द कर देती है। जबकि बोर्ड को 2011 से सम्बद्धता देने का अधिकार प्राप्त है, जबकि विद्यालय को वित्त सहित स्थायी मान्यता प्राप्त है न कि सम्बद्धता। विद्यालय को उच्च माध्यमिक में 16 यूनिट और माध्यमिक में 12 यूनिट प्राप्त है।

• विधानपार्षद माननीय श्री गुलाम रसूल बलियावी के द्वारा विद्यालय से संबंधित सारे तथ्य विधानपरिषद के पटल पर रखे गए उस समय माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतिश कुमार स्वंय सदन में उपस्थित थे। माननीय शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी द्वारा आश्वासन दिया गया था कि त्वरित कार्रवाई करते हुए तथ्य के आधार पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। परन्तु आज तक उनके स्तर से कोई फैसला नहीं लिया गया है।

• बिहार बोर्ड द्वारा रद्द आदेश में यह अंकित किया गया कि विद्यालय के पास 2 एकड़ भूमि नहीं है, इसलिए विद्यालय की मान्यता रद्द की जाती है। जबकि पूरे बिहार में बहुत से ऐसे सरकारी विद्यालय हैं जो कि दूसरे के भूमि एवं भवन में कार्यरत हैं, और ऐसा मानक अगर लागू होता है कि विद्यालय के पास 2 एकड़ भूमि होनी चाहिए तो बिहार के हजारों विद्यालय बन्द हो जाएगें।

• डा0 मो0 नजर इमाम विद्यालय के पूर्व सचिव के पद पर 18 वर्षो तक कार्य किया। सचिव के पद पर रहते हुए उन्होनें डा0 नजर इमाम इन्टेरनेशनल स्कूल खोला था जिसका धरती पर कोई असतित्व ही नहीं था। जब 2016 में टॉपार्स घोटाला में ये फँसे तो बिहार बोर्ड के अध्यक्ष के कहने पर अपने स्कूल की सम्बद्धता वापस कर दी। आपको बता दें डा0 नजर इमाम एवं उनकी धर्म-पत्नी (डा0 तबस्सुम आरा) का बोर्ड के अध्यक्ष के साथ गहरा एवं पुराना सम्बंध रहा है। विद्यालय की कमिटि ने इस कृत्य के लिए इनको बर्खास्त कर दिया, तब द्वेष भाव से यह बोर्ड के अध्यक्ष के साथ साठ-गाँठ कर विद्यालय की मान्यता रद्द करा दी। विद्यालय की मान्यता रद्द करवाने में बोर्ड अध्यक्ष ने महत्तवपूर्ण भूमिका निभाई है।

• डा0 जाकिर हुसैन उच्च विद्यालय द्वारा मान्यता रद्द किए जाने के विरूद्ध विद्यालय प्रबन्धन द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है, जो कि अभी लंबित है। वरिष्ठ अधिवक्ता श्री पी0के0शाही एवं अधिवक्ता श्री सुमन कुमार, माननीय उच्च न्यायालय में विद्यालय का पक्ष रख रहे हैं।

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