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पटनाः राजधानी पटना के स्कॉलर्स एबोड स्कूल प्रांगण में बोलो जिंदगी वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा आयोजित पत्रकार कवि सम्मेलन सीजन – 4 में पत्रकार कवियों ने अपनी कविताएं सुना सबका मन मोह लिया। कार्यक्रम का श्रीगणेश दीप प्रज्वलित कर मुख्य अतिथि डॉ रत्ना पुरकायस्थ, पूर्व निदेशिका, दूरदर्शन बिहार, विशिष्ठ अतिथि निखिल केडी वर्मा, राष्ट्रीय सचिव एवं प्रवक्ता, वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, मधुप मणि पिक्कू, संपादक, बिहार पत्रिका, डॉ. बी. प्रियम, फाउंडर, स्कॉलर्स एबोड स्कूल एवं आयोजक राकेश सिंह सोनू ने किया।

कवि सम्मेलन की शुरुआत पत्रकार कुमार रजत की कविता से हुई। उन्होंने सुनाया, -ज़िद ने साजिश बहुत बड़ी की है, घर में दीवार सी खड़ी की है।

पत्रकार चंदन द्विवेदी ने सुनाया – दिल का बेड़ा पार हुआ है पटना में, पहला पहला प्यार हुआ है पटना में।

पूर्व पत्रकार और उद्योग विभाग के विशेष सचिव दिलीप कुमार ने सुनाया -आदमी ने कहा,मुझे प्रेम है नदी से, सदा के लिए रोक लूंगा इसे अपने पास। बना दिया उसने बांध, मर गई नदी।

पूर्व पत्रकार एवं असिस्टेंट कमिश्नर, स्टेट टैक्स समीर परिमल ने सुनाया-आप सबके हो गए हैं बेवफा होने के बाद, मैं किसी का हो न पाया आपका होने के बाद।

देशप्राण दैनिक के स्थानीय संपादक प्रवीण बागी ने सुनाया-आना और जाना ये चक्र है नियति का। इंसान आता है रोते हुए पर जाता है रुलाते हुए।

पत्रकार कवि सम्मेलन का आयोजन, सीजन- 4 में पत्रकार कवियों ने बांधा शमा, आप भी पढ़ लीजिए 1

पत्रकार अमलेंदू अस्थाना ने सुनाया- हार नहीं अब हार मिले, फूलों का संसार मिले।

संजीव कुमार मुकेश ने सुनाया, अलंगों, आरियों, पगडंडियों सा गांव का लड़का।

रमाकांत चंदन ने सुनाया- मजहब के नाम पर यहां यों खून खून है, लगता है इस शहर का कोई राहवार नहीं।

अनिल रश्मि ने सुनाया-मुझे तलाश है जिसकी वो है तेरी मुस्कान।

जहां पूरे कार्यक्रम का सफल मंच संचालन किया बोलो जिंदगी टीम की तबस्सुम अली ने तो वहीं कवि सम्मेलन का बेहतरीन संचालन किया संजीव कुमार मुकेश ने और धन्यवाद ज्ञापन किया बोलो जिंदगी के निदेशक राकेश सिंह सोनू ने। कार्यक्रम को सफल बनाने में टीम की फरहीन ख़ान एवं अनिल कुमार का विशेष योगदान रहा।

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