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Desk: बिहार विधान परिषद से बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री और बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह को भारत रत्न देने की मांग उठी है। श्री बाबू को भारत रत्‍न देने के लिए नीतीश कुमार की सरकार केंद्र सरकार से सिफारिश करेगी। विधान परिषद में संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने सरकार के जवाब में सदन में यह घोषण की । विधान परिषद में ध्यानाकर्षण के दौरान भाजपा के सच्चिदानंद राय के सवाल के जवाब में मंत्री ने यह जानकारी दी।

कर्पूरी और राममनोहर लोहिया को भी भारत रत्‍न

संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने सच्चिदानंद राय के साथ अन्य सदस्यों से सभी अपने-अपने स्तर पर पहल करने की मांग की। उन्होंने ने सदन को बताया कि सरकार पहले कर्पूरी ठाकुर और राममनोहर लोहिया को भी भारतरत्न देने की अनुशंसा कर चुकी है। पूरक सवाल के जरिए सच्चिदानंद राय ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी सीधे फोन पर बात करने का अनुरोध किया।

संजय झा ने ट्वीट कर प्रशंसा जाहिर की

उधर, सरकार के निर्णय पर सूचना एवं जन संपर्क और जल संसाधन मंत्री संजय झा ने ट्वीट कर प्रसन्नता व्यक्त किया।

कौन थे श्री बाबू

डॉ श्रीकृष्‍ण सिंह बिहार के पहले मुख्‍यमंत्री थे। वे 1961 में अपनी मृत्‍यु तक मुख्‍यमंत्री के पद पर रहे। वे 1936 से ही कांग्रेस की पहली मिनिस्‍ट्री (दूसरे विश्‍व युद्ध के समय को छोड़कर ) से ही बिहार के सीएम रहे। आम जनसभाओं में जब वे बोलते थे तो प्रतीत होता था जैसे शेर दहाड़ रहा हो। इसके कारण उन्‍हें बिहार केसरी की उपाधि मिली। वे पूरे देश में ऐसे पहले सीएम थे , जिन्‍होंने सबसे पहले जमींदारी प्रथा का अंत किया। श्री बाबू ने ही तत्‍कालीन बिहार के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में सर्वप्रथम दलितों का प्रवेश कराया। इसके पहले मंदिरों में दलितों का प्रवेश निषेध था।

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