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बिहार राज्य स्वास्थ सेवाओं में लगातार नए आयाम बना कर तरक्की की तरफ बढ़ रहा है पिछले कुछ वर्षों में राज्य ने ब्लड बैंकिंग सेवाओं में काफी सुधार किया है जिसके कारण इस covid-19 महामारी के समय कही पर भी रक्त की कमी होनी दी गयी

राज्य सरकार थैलासीमिया एवं हेमोफिलिया से पीड़ित मरीजों को सहयोग करने के लिए पूर्णस्प से कटिबद्ध है और साथ ही आम जान मानस को जरूरत पड़ने पर आसानी से रक्त कि उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु हर तरह से प्रयासरत है।

ऐसी प्रयास के तहत, राज्य स्वास्थय समिति के माध्यम से राज्य में थैलासीमिया पीड़ित एवं जरूरतमंद मरीजों को गुणवतापूर्ण रक्त उपलब्ध कराने एवं स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने हेतु स्वास्थय विभाग, बिहार सरकार एवं एडवांस्ड ट्रांसफूजन मेडिसीन रिसर्च फाउंडेशन, जो कि इंडिया हेल्थ पार्टनर्स प्रोजेक्ट इकाई के बीच हुए करार (MOU) के तहत दो वैलासीमिया एवं हीमोफिलिया कम्प्रेहैन्सिव डे केयर सेंटर की स्थापना- PMCH, पटना और SKMCH, मुजफ्फरपुर के साथ अत्यधिक तकनीक युक्त प्रथमा ब्लड सेंटर पटना की स्थापना किया गया हैं।

थैलासीमिया एवं हीमोफिलिया पीड़ित मरीजों के लिए, राज्य का पहला डेडिकेटेड कम्प्रेहेन्सिव डे केयर सेंटर PMCH के प्रसूति विभाग के 5th floor पर दिनांक 14 जून 2020 में शुरुआत की गयी थी और यह बताते हुए बहुत ही खुशी हो रही है अभी तक लगभग 483 (Thel-291 & hemo.192) से ज्यादा थैलासीमिया एवं हेमोफिलिया मरीजों को इसका लाभ ले रहे है और 1600 (Thala. 1200 & hemo.-400) से ज्यादा बार उनका ब्लड ट्रांसफूजन किया जा चुका है।

इसी करार (MOU) के तहत अप्रैल माह के अंत तक SKMCH, मुजफ्फरपुर में भी थैलासीमिया एवं हेमोफिलिया पीड़ित मरीजों के लिए राज्य को दूसरा डे केयर सेंटर की शुरुआत हो जाएगी। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा जल्द ही गया, भागलपुर, एवं पूर्णिया जिलों में ऐसे केंद्र खोले जा रहे है जिससे राज्य में ऐसी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को निस्चित लाभ मिलेगा।
प्रथमा ब्लड सेंटर पटना जोकि बिहार का पहला शत प्रतिशत स्वैच्छिक रक्त केंद्र है जंहा जरूरतमंद लोगो को बिना रिप्लेसमेंट (without blood donor) के एवं यैलासीमिया ए वं हेमोफिलिया पीड़ित मरीजों को निशुल्क रक्त की उपलब्ध किया जायेगा। प्रथमा द्वारा आम जान मानस में स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए स्कूल, कॉलेज,यूनिवर्सिटी, एवं अन्य सामाजिक संगठन के मध्य लोगो में जागरूकता कार्यक्रम भी किया जायेगा जिससे लोगो में रक्तदान प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करने में मदद मिलेगी और स्वैच्छिक रक्तदान में ज्यादा सहभागिता मिलेगी।

प्रथमा ब्लड सेंटर जो की गुजरात में पिछले 20 वर्षों से ज्यादा समय से लोगो को स्वैच्छिक रक्तदान के माध्यम से बिना रिप्लेसमेंट (without blood donor) के जरूरतमंद लोगो को एवं थैलासीमिया एवं हेमोफिलिया पीड़ित मरीजों को निशुल्क रक्त की उपलब्ध करते रहे है, आशा ही नहीं पूर्ण विश्वाश है कि बिहार में भी प्रथम ब्लड सेंटर पटना के माध्यम से बिहार में लोगो को ऐसे ही रक्त कि उपलब्धता कराई जाएगी।

आज भी 50% से ज्यादा लोगो को रक्त कि आपूर्ति रिप्लेसमेंट डोनेशन के द्वारा होती है लेकिन थैलासीमिया एवं कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को रक्त आपूर्ति रिप्लेसमेंट डोनेशन के माध्यम से पूरा कर सकना संभव नहीं है, क्योंकि उनको नियमित blood transfusion (माह में कई बार) की आवश्यकता होती है।

चूंकि आम जनमानस में रक्तदान को लेकर कई तरह कि भांतिया होती है (जैसे- रक्तदान करने से कमजोरी आती है, इर लगना, मेरे पास समय नहीं है, घरवाले मना करेंगे, मुझे आवश्कता ही नहीं इत्यादि) और लोगो को रक्तदान करने के फायदे के बारे में जानकारी न होने से, लोग स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति असवेंदनशील होते और नियमित स्वैच्छिक रक्तदान करने से हिचकिचाते है जबकि कई शोध से ये बातें साबित हुयी है कि नियमित रक्तदान करने से heart attack एवं कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के होने का खतरा कम हो जाता है साथ ही शरीर का blood circulation system भी सक्रिय रहता है। और रक्तदान के दौरान हमारे शरीर का सामान्य चेकअप एवं कई बीमारियों (Hepatitis B & C, HIV, सिफलिस एवं मलेरिया) आदि की मुफ्त जांच भी हो जातो है।

जरूरतमंद लोगो के लिए जरूरत पड़ने पर रक्त सिर्फ स्वैच्छिक रक्तदान के माध्यम से ही संभव है क्योंकि रक्त किसी भी फैक्ट्री या लैब में नहीं बने जा सकता है केवल मानव दवारा दिए गए स्वैच्छिक रक्तदान से ही संभव है। हर स्वास्थ्य पुरुष प्रत्येक 3 माह में और महिला प्रत्येक 4 माह एक बार रक्तदान कर सकते है आइये हम सब मिलकर संकल्प ले की जंहा भी मौका मिलेगा हम लोग नियमित स्वैच्छिक रक्तदान आवस्य करेंगे,

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