समाजवादी पार्टी ने 25 जनवरी को सुल्तानपुर जनपद के इसौली विधानसभा सीट को छोड़ सभी विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। ऐसे में सपा की परंपरागत सीट इसौली पर प्रत्याशी का घोषित ना होना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।
राजनीतिक विद्वानों की मानें तो इस सीट पर सपा गठबंधन की नज़र है। 3 दिसंबर को सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल भागीदारी पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महिला मोर्चा दिव्या प्रजापति के समर्थन में जनसभा की थी। इसके जरिए यह संदेश देने की कोशिश की गई थी कि इस बार इसौली सीट गठबंधन की झोली में जा रही है।
ऐसे में जब सुल्तानपुर की सभी विधानसभा सीटों पर सपा ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है और इसौली सीट पर प्रत्याशी की घोषणा अभी संशय का विषय बना हुआ है तो माना जा रहा है कि दिव्या प्रजापति की दावेदारी सबसे मजबूत है और वे सभी अन्य दावेदारों के इरादों पर पानी फेर सकती हैं।
दिव्या प्रजापति के सहयोगी से हुई बातचीत में जानकारी मिली है कि सपा मुखिया ने आज उन्हें लखनऊ बुलाया है और उम्मीद जताई जा रही है कि बहुत जल्द ही निर्णय उनके पक्ष में सुनाया जा सकता है।
गौरतलब है कि बीते हफ्ते कई मीडिया संस्थानों ने इसौली के सीट बंटवारे पर फंसते पेंच को लेकर कई खबरें भी चलाई थी जो अब सही साबित होती दिख रही है और उम्मीद जताई जा रही है कि यह सीट भागीदारी संकल्प मोर्चा के खाते मे रही है।