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बिहार में 4 महीने पहले बिजली रहित स्कूलों के विद्युतीकरण के लिए बिहार शिक्षा परियोजना के समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत जिले के 145 स्कूलों में 2 करोड़ 21 लाख 85 हजार रुपये आवंटित किये गए हैं. इन 145 स्कूलों के 1264 कमरों में विद्युतीकरण कराने के एवज में प्रति विद्यालय 153000 की स्वीकृति दी गई है. इस स्वीकृति के खिलाफ हर स्कूल को 76500 रुपये विद्यालय शिक्षा समिति के अकाउंट में उसी समय भेज दिए गए थे. अबतक 145 स्कूलों में से मात्र 65 स्कूलों ने ही विद्युतीकरण कार्य शुरू किया है. बाकी के 80 प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में अब तक विद्युतीकरण का कार्य शुरू तक नहीं किया गया है. 

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सरकार के आदेश को अनसुना कर अबतक कार्य शुरू नहीं करवाया है. इस वजह से समग्र शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने ऐसे सभी 80 विद्यालयों के हेड मास्टर से स्पष्टीकरण की मांग की है. इतना ही नहीं ऐसे सभी विद्यालयों के हेड मास्टर के वेतन पर भी अगले आदेश तक रोक लगा दिया गया है. डीपीओ प्रवीण कुमार ने इस आशय का आदेश जारी कर दिया है.

मामले पर जिला प्राथमिक संघ के नेताओं का कहना है कि सहायक अभियंता हेड मास्टर पर इस मामले को लेकर दबाव बना रहे हैं. इस कार्य को कराने की जिम्मेदारी विद्यालय शिक्षा समिति को दी गई है. विद्यालय शिक्षा समिति के माध्यम से ही सामग्री की खरीद की जानी है. ऐसे में सहायक अभियंता के द्वारा ग्रीन कार्ड होल्डरधारी इलेक्ट्रिशियन को सभी राशि उपलब्ध कराने का निर्देश दिया जा रहा है जो नियम के खिलाफ है. इस मामले में इलेक्ट्रिशियन को ढाल बनाकर बड़े पैमाने पर अवैध राशि की उगाही की जा रही है. 

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