नई दिल्ली: नए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को अहमदाबाद में 188 पाकिस्तानी हिंदुओं को भारत की नागरिकता प्रदान की। इस अवसर पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि सरकार पड़ोसी देशों के हिंदू, जैन, बौद्ध और सिखों सहित उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने के लिए दृढ़ है और उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाले भारत गुट की तुष्टिकरण की राजनीति की भी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि सीएए लोगों को उनके अधिकार और न्याय देने की एक पहल है। कांग्रेस पार्टी ने 2014 तक कभी लोगों को उनका अधिकार नहीं दिया। लाखों-करोड़ों लोग अपने अधिकारों के लिए इंतजार करते रहे, लेकिन इंडिया ब्लॉक के तहत उन्हें कभी न्याय नहीं मिला।सीएए का ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए अमित शाह ने कहा कि करोड़ों भारतीय धर्म के आधार पर विभाजन के दौरान लोगों द्वारा सामना किए गए मुद्दों को नहीं भूल सकते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए हमारे लोगों को नागरिकता नहीं दी। हमारा इतिहास इसे सदैव याद रखेगा। इन लोगों का क्या कसूर था जो अपनी संपत्ति छोड़कर अपनी बेटियों और पत्नियों को बचाने के लिए यहां आये थे? कानून इन लोगों की सुरक्षा के लिए है। इस कानून से करोड़ों हिंदू, जैन और सिखों को न्याय मिलेगा।
अमित शाह ने मुस्लिम समुदाय के बीच चिंताओं को दूर करने की भी कोशिश की और स्पष्ट करते हुए कहा कि ‘मैं अपने मुस्लिम भाइयों और बहनों को यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं है, बल्कि उन्हें नागरिकता देने के लिए है। पहले भी इस कानून के खिलाफ कई लोगों को भड़काया गया था। किसी को भी अपनी नागरिकता नहीं छोड़नी पड़ेगी। कुछ लोग सिर्फ व्यापक जनता को गुमराह करना चाहते हैं। आपकी नौकरियां, घर और नागरिकता सुरक्षित हैं। यह कानून सिर्फ आपको न्याय दिलाने के लिए है। अमित शाह ने नागरिकता समारोह के अलावा अहमदाबाद और गांधीनगर में लगभग 1,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं शुरू की।