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Desk: रहिमन मानी राखिए बिन पानी सब सून…भविष्य में पानी की किल्लत को देखते हुए माना जा रहा है कि अगली जंग पानी के लिए ही होगी। इसको लेकर अब राज्य सरकार भी गंभीर है। पीएचईडी और पंचायती राज विभाग एक योजना पर काम कर रहे हैं कि राज्य के शहरी इलाकों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में किस तरह पेयजल के दुरुपयोग को रोका जाए। इसके तहत नियम तोड़ने वाले को पांच हजार रुपए तक जुर्माना भरना पड़ेगा। ऐसे घरों का कनेक्शन भी काट दिया जाएगा। जुर्माना नहीं भरने पर संबंधित विभाग उपभोक्ता के खिलाफ सर्टिफिकेट वाद दायर कर आगे की कार्रवाई करेगा।

माह में 2100 लीटर का इस्तेमाल

पानी की बर्बादी रोकने के लिए जो रणनीति बन रही है, इसके तहत एक महीने में 2100 लीटर पानी का इस्तेमाल किया जा सकता है। यानी रोज 70 लीटर।

कैसे रोका जाएगा

प्राथमिक स्तर पर मॉनिटरिंग होगी। दूसरे स्तर पर हर वार्ड के पंप हाउस में ऐसी व्यवस्था होगी, जिससे पता लगाया जा सके कि किस घर में कितने लीटर पानी की खपत हो रही है। तीसरे स्तर पर घरों में ही पानी की खपत की जानकारी के लिए मीटर की व्यवस्था की जाएगी।

कहीं ऐसी नौबत न आ जाए

5 साल पहले की यह तस्वीर महाराष्ट्र के लातूर की है जब जल संकट के बाद टैंकरों के जरिए पानी पहुंचाना पड़ा था।

बन रही रणनीति

पानी की बर्बादी रोकने के लिए जरूरी कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए दो विभाग मिलकर रणनीति तैयार कर रहे हैं ताकि इसके दुरुपयोग को रोका जा सके और सभी लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके।

  • रामप्रीत पासवान, मंत्री, पीएचईडी
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