सुप्रीम कोर्ट ने नीट और जेईई परीक्षा के मसले पर छह गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की ओर से दाखिल दाखिल पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। शुक्रवार को बंद चैंबर में जजों ने फैसला किया कि पुराने आदेश पर पुर्नविचार की कोई जरूरत नहीं है। कोर्ट ने पिछले 17 अगस्त को नीट और जेईई कीट परीक्षा रोकने से मना किया था।
याचिकाकर्ताओं में पश्चिम बंगाल के मोलॉय घटक, झारखंड के रामेश्वर उरांव, छत्तीसगढ़ के अमरजीत भगत, पंजाब के बलबीर सिद्धू, महाराष्ट्र के उदय सामंत और राजस्थान के डॉ. रघु शर्मा शामिल हैं। याचिका में कहा गया था कि छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को देखते हुए नीट और जेईई की परीक्षा टालने का निर्देश दिया जाए। नीट और जेईई में शामिल होनेवाले लाखों छात्रों के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट, परिवहन और आवासीय व्यवस्था करना काफी मुश्किल होगा।
कोर्ट ने पिछले 17 अगस्त को कोरोना के मद्देनजर जेईई और नीट की परीक्षा टालने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। सुनवाई के दौरान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा खा कि परीक्षा के लिए कोरोना संबंधी सभी एहतियाती कदम उठाए जाएंगे। इस आश्वासन के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि क्या सब कुछ देश में रोक दिया जाए। छात्रों का कीमती एक साल बर्बाद होने दिया जाए।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय