प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार यानी आज सुबह 11 बजे अपना 69वां ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित कर रहे हैं. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी देश के विभिन्न इलाकों के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों के लोगों से चर्चा करते हैं. विभिन्न मुद्दों पर देशवासियों से अपने मन की बात भी साझा करते हैं.
पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कोरोना का काल से इसकी शुरुआत की है. पीएम मोदी ने कहा है कि कोरोना का काल में दुनिया अनेक तरह के परिवर्तनों से गुजर रही है. आज जब 2 गज की दूरी एक अनिवार्य जरूरत बन गई है तो इस संकट के काल में परिवारों और सदस्यों को आपस में जोड़े रखने के लिए नए प्रयास करने की जरूरत है.
पीएम मोदी ने हर परिवार में कोई-न-कोई बुजुर्ग, बड़े व्यक्ति परिवार के, कहानियां सुनाया करते थे और घर में नई प्रेरणा, नई ऊर्जा भर देते हैं. कहानियां, लोगों के रचनात्मक और संवेदनशील पक्ष को सामने लाती हैं, उसे प्रकट करती हैं. कहानी की ताकत को महसूस करना हो तो जब कोई मां अपने छोटे बच्चे को सुलाने के लिए या फिर उसे खाना खिलाने के लिए कहानी सुना रही होती हैं. मैं अपने जीवन में बहुत लम्बे अरसे तक एक परिव्राजक के रूप में रहा. घुमंत ही मेरी जिंदगी थी. हर दिन नया गांव, नए लोग, नए परिवार. भारत में कहानी कहने की, या कहें किस्सा-कोई की, एक समृद्ध परंपरा रही है. हमारे यहां कथा की परंपरा रही है. ये धार्मिक कहानियां कहने की प्राचीन पद्धति है.
चार साल पहले, लगभग यही समय था, जब सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान दुनिया ने हमारे जवानों के साहस, शौर्य और निर्भीकता को देखा था. हमारे बहादुर सैनिकों का एक ही मकसद और एक ही लक्ष्य था, हर कीमत पर, भारत माँ के गौरव और सम्मान की रक्षा करना.
आज की तारीख में खेती को हम जितना आधुनिक विकल्प देंगे, उतना ही, वो, आगे बढ़ेगी, उसमें नये-नये तौर-तरीके आयेंगे, नये innovations जुड़ेंगे.
आप सोचिये, कितने नौजवानों को उन्होंने रोजगार दिया, और मज़ा ये है, कि, बिचौलियोँ ना होने के कारण, किसान को भी लाभ हुआ, और, उपभोक्ता को भी लाभ हुआ.
तीन–चार साल पहले ही, महाराष्ट्र में, फल और सब्जियों को APMC के दायरे से बाहर किया गया था. इस बदलाव ने कैसे महाराष्ट्र के फल और सब्जी उगाने वाले किसानों की स्थिति बदली, इसका उदाहरण हैं, Sri Swami Samarth Farmer’s producer company limited – ये किसानों का समूह है.