सोमवार से नौवीं से बारहवीं तक के सरकारी एवं निजी स्कूल खुल गए, लेकिन कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति बहुत कम रही. प्रधानाध्यापकों ने स्वीकार किया कि अधिकांश अभिभावकों ने कोविड-19 महामारी के संक्रमण चलते अपने बच्चों को स्कूलों में भेजने की सहमति नहीं दी. जबकि 50 फीसद शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति स्कूलों में दर्ज करायी.
शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार के मुताबिक राज्य में खुलने वाले स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का पूरा अनुपालन किया गया. स्कूलों में प्रार्थना सत्र का आयोजन नहीं कराया गया. यह पहले ही निर्देश दिया गया है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए.
बता दें कि फिलहाल नियमित कक्षाओं का संचालन अभी बंद रहेगा। केवल इच्छुक बच्चे अभिभावक की सहमति से स्कूल जाकर शिक्षक से मिलकर पढ़ाई संबंधी समस्या का समाधान कर सकेंगे.
सीबीएसई के सिटी कोऑर्डिनेटर डॉ. राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि सरकार की अनुमति से अधिकांश प्राइवेट स्कूल खुल गए. हालांकि राजधानी के अधिकांश मिशन स्कूल, डॉन बास्को एवं डीएवी शास्त्रीनगर स्कूल फिलहाल बंद रहेगा. वहीं राजधानी के केंद्रीय विद्यालय के साथ-साथ बाल्डविन एकेडमी, बीडी पब्लिक स्कूल एवं एसवीएम सहित कई स्कूल खुल गए.