बिहार के वाल्मीकिनगर (पश्चिम चंपारण) के गोल चौक के समीप शिवपुरी मुहल्ले से वन विभाग ने गुरुवार की देर शाम दुर्लभ प्रजाति के एक कछुए को पकड़ा। बाद में कछुआ को जटाशंकर वन क्षेत्र में छोड़ दिया है। वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के निदेशक हेमकांत राय ने बताया कि एलौंगेटेड प्रजाति के कछुए को बरामद किया गया है। यह कछुआ नेपाल, बांग्लादेश, भारत, लाओस में पाया जाता है। भारत में इसे ‘पीला कछुआ’ के नाम से जाना जाता है। कछुए को जटाशंकर वन क्षेत्र में सुरक्षित छोड़ दिया गया है।
बताते हैं कि शिवपुरी मुहल्ले के लोगों ने सड़क किनारे झाड़ी में दुर्लभ प्रजाति का पीला कछुआ को देखा। उनलोगों ने इसकी सूचना वाल्मीकिनगर के रेंजर महेश प्रसाद को दी। रेंजर वन्यकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे और कछुए को अपने कब्जे मेंं ले लिया। दुर्लभ प्रजाति का कछुआ मिलने की जानकारी मिलते ही उसे देखने के लिए आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई थी।
मौके पर पहुंचे वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इण्डिया के अधिकारी समीर कुमार सिन्हा ने बताया कि इस प्रजाति के कछुए को संकटग्रस्त जानवरों की श्रेणी में रखा गया है। यह प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर हैं। इसी प्रजाति का एक कछुआ वर्ष 2019 में मंगुराहा वन क्षेत्र में मिला था। कछुआ को पकड़ने वाली टीम में रेंजर महेश प्रसाद, वनपाल विजय कुमार पाठक, वनरक्षी ज्योति प्रकाश, शशि रंजन कुमार, वीटीआर के कैमरामैन राहुल श्रीवास्तव समेत अन्य शामिल थे।