लाइव बिहार: केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का निधन गुरुवार को हो गया. जिसके बाद उनके बेटे चिराग ने शनिवार को पटना के दीघा स्थित जनार्दन घाट पर उनको मुखाग्नि दी. बताया जा रहा है कि रामविलास पासवान के अस्थियों को उनके पैतृक गांव खगड़िया के शहरबन्नी तथा बनारस ले जाया जाएगा. इस बात की जानकारी रामविलास के छोटे भाई पशुपति नाथ पारस ने दी. उन्होंने बताया कि शहरबन्नी के पास फुलतौरा घाट पर अस्थि प्रावहित की जाएगी.
उन्होंने बताया कि भईया बचपन में इसी नदी को पार कर स्कूल जाया करते थे. उस दौरान नदी पर पुल बना हुआ नहीं था. वहीं बनारस के गंगा घाट पर भी इसका प्रवाह किया जाएगा.
पशुपति नाथ पारस ने कहा कि और भी जगह अस्थि कलश ले जाया जा सकता है, इसपर परिवार के लोग विचार कर रहे हैं. एक से दो दिन में यह तय हो जाएगा. पशुपति नाथ पारस ने पीएम मोदी से मांग की है कि दिल्ली के 12 जनपथ के जिस आवास में रामविलास पासवान 1989 से रह रहे थे उसे स्मारक घोषित किया जाए. इस आवास को उन्होंने बड़े मन से सजाया-संवारा था. उन्होंने कहा कि वे देश के दूसरा आंबेडकर थे और उन्हें भारत रत्न देने की मांग की है.