गया के प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के मामले पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सभी संबंधित पक्षों के साथ मिल कर बैठक करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से तिरुपति काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी और वैष्णो देवी मंदिर का प्रबंधन के लिए कानून बनाया गया, उसी तरह विष्णुपद मंदिर के प्रबंधन के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया शुरू हो. कोर्ट ने यह भी कहा कि पुजारियों को पूजा कराने व दक्षिणा लेने के अधिकार में हस्तक्षेप नहीं किया जाए. गौरव कुमार सिंह की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणी की है.
बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड व मंदिर प्रबंधन समिति के बीच विवाद के मामले में गया कोर्ट में अपील पर सुनवाई लंबित है. याचिकाकर्ता के वकील सुमित सिंह ने कोर्ट को बताया कि यह मंदिर सदियों पुराना है, जो आमलोगों के आस्था का केंद्र है. मंदिर के पंडों के हितों का ख्याल रखा जाएगा, लेकिन इस मंदिर से आमलोगों की आस्था जुड़ी हुई है.
इस जनहित याचिका में मांग की गई थी कि राज्य सरकार इस मंदिर को अपने नियंत्रण में लेकर इसका प्रबंधन के लिए बोर्ड का गठन करे ताकि माता वैष्णो देवी या बाला जी मंदिर के प्रबंधन बोर्ड जैसा यहां भी प्रबंध हो. याचिका में यह भी कहा गया है कि विष्णुपद मंदिर की संपत्ति को सार्वजनिक संपत्ति घोषित किया जाये, क्योंकि ये निजी संपत्ति नहीं है. इस मामले पर अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी.