बिहार चुनाव के ठीक बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत के दौरे से सियासी हलचल तेज हो गई है। संघ के कार्यकारी मंडल की दो दिनों की बैठक पटना सिटी स्थित मर्चा-मिर्ची इलाके के केशव सरस्वती विद्या मंदिर कैंपस में होना है। 5 और 6 दिसंबर को होनेवाले इस बैठक के लिए संघ प्रमुख 4 दिसंबर की दोपहर को ही पटना पहुंच जाएंगे। पटना में वे राजेन्द्र नगर स्थित संघ कार्यालय विजय निकेतन में रुकेंगे, जहां बिहार भाजपा के नेता मिलने जाएंगे। संघ प्रमुख से भाजपा नेताओं की यह औपचारिक मुलाकात नहीं है, लेकिन लगभग सभी बड़े नेता हाजिरी लगाएंगे।
आरएसएस साल में दो बार औपचारिक रूप से राष्ट्रीय स्तर पर बैठकें करती हैं। इनमें से एक दीपावली बैठक होती है। दीपावली के बाद आयोजित होनेवाली इस बैठक में पूरे देश से कार्यकर्ता हिस्सा लेते हैं। अखिल भारतीय स्तर पर होनेवाली इस बैठक में प्रांत संघचालक, कार्यवाह और प्रचारक के ऊपर वाले पदों के कार्यकर्ता हिस्सा लेते हैं। इस साल यह बैठक अखिल भारतीय स्तर पर उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में होनी थी। लेकिन कोरोना की वजह से पूरे देश के कार्यकर्ताओं को एक जगह जुटाने की बजाय संघ ने 11 क्षेत्रों की बैठक अलग-अलग जगहों पर करने का फैसला लिया। इसी के तहत उत्तर बिहार-दक्षिण बिहार और झारखंड के प्रचारक स्तरीय कार्यकर्ताओं की बैठक पटना में आयोजित की है। इसमें करीब 40 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे, जो दो दिनों तक संघ प्रमुख को बिहार में संघ द्वारा किये जा रहे कार्यों की रिपोर्ट देंगे।
बिहार में हो रही संघ की इस महत्वपूर्ण बैठक में बाढ़ से लेकर कोरोना काल में किये गए संघ के कामों पर चर्चा होगी। इसके साथ राम मंदिर निर्माण और उसमें बिहार की तरफ से होनेवाले सहयोग पर भी चर्चा होनी है।
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