Desk: पटना के बहुप्रतीक्षित ISBT से बसों का परिचालन शुरू होने के दूसरे दिन ही ठप पड़ गया है। यहां से अभी गया व जहानाबाद की ओर बसों को जाना है। आज मीठापुर स्टैंड से गया-जहानाबाद की बसों को पुलिस ने जबरदस्ती कर ISBT भेज दिया। यहां आने के बाद बस चालकों ने परिचालन बंद कर दिया। बस चालकों का कहना है कि प्रशासन ने सिर्फ निजी बसों को ISBT भेजा है। राज्य परिवहन निगम की बसें अभी भी मीठापुर से ही आ रही हैं। ये बसें मीठापुर से भी पैसेंजर चढ़ा रही हैं, फिर ISBT से भी। हमें सिर्फ यहां आने-वाले इक्के-दुक्के पैसेंजर ही मिल पा रहे हैं। ऐसे में हम क्यों बसें चलाएं? बेहतर है कि बंद ही कर दें।
गया-जहानाबाद की एक-एक बस ही खुली
ISBT आए महारानी ट्रेवल्स की बसों के मैनेजर सतीश सिंह का कहना है कि आज यहां थोड़े पैसेंजर जमा हो गए हैं, इसलिए हम गया और जहानाबाद की एक-एक बस खोल रहे हैं। बाकी परिचालन तब तक बंद रहेगा, जब तक सभी बसों को ISBT नहीं लाया जाता। अभी यहां मौजूद अधिकारियों से बात हुई है। आगे भी शाम तक मीटिंग होनी है, उसके बाद कोई फैसला करेंगे।
ISBT में परेशान हो रहे पैसेंजर
गया जाने वाली बस में बैठे अरुण सिंह ने बताया कि घंटे भर से परेशान हैं। पहले मीठापुर गए। फिर वहां से टेम्पो से यहां आये। अब यहां से कोई बस जा नहीं रही थी। घंटे भर बैठने के बाद अब एक बस खुल रही है जबकि सभी बसें यहां पहले से खड़ी हैं। उधर, स्टैंड में बसों का इंतजार कर रहे अन्य लोग भी चिंतित दिखे। अनाउंसमेंट हो रहा था लेकिन बसें जाने को तैयार नहीं हैं।
जल्दबाजी में ट्रायल कर मंगल से हुई शुरुआत
पटना ISBT पर सुविधाओं की कमी के बीच जल्दबाजी का ट्रायल रन पूरा होने के बाद मंगलवार से गया-जहानाबाद के लिए गाड़ियां खुली हैं। टर्मिनल अभी सिर्फ एक बस स्टॉप की तरह काम करेगा। इसको लेकर जो प्लान है, उस हिसाब से उसे काम करने में कम से कम 6 माह का समय लगेगा। फिलहाल अभी टॉयलेट और पेयजल के साथ कई तरह का संकट यात्रियों को परेशान करने वाला होगा।
ऐसा है ISBT का प्लान, पूरा होने में लगेगा समय
अभी टर्मिनल पर कई कमियां
बेसमेंट में नहीं है कोई व्यवस्था : बेसमेंट में कोई व्यवस्था नहीं की गई है। यूरिनल और पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई है। इस कारण से इसके लिए यात्रियों को उपरी मंजिल पर जाने की मजबूरी होगी। कनेक्टिविटी रोड भी नहीं बनाया गया है। इस कारण से भी समस्या होगी। हालांकि मौजूदा समय में अधिक समस्या नहीं है लेकिन आने वाले दिनों में कनेक्टिविटी रोड से बड़ी मुश्किल होगी।
प्रीपेड ऑटो का भी नहीं बनाया गया काउंटर : प्रीपेड ऑटो को लेकर भी कोई काउंटर नहीं बनाया गया है। इसके लिए प्रीपेड ऑटो वालों को अपना टेबल कुर्सी लगाना होगा। मौजूदा समय में 40 बसों के लिए तैयारी है। ऐसे में यात्रियों को भी भटकना पड़ेगा।
बस आएगी और जाएगी : ISBT पर यात्री सुविधाओं को लेकर अभी कोई विशेष तैयारी नहीं की गई है। बस बाहर से फाउंडेशन बना दिया गया है। बस आएगी और खड़ी हो सकती है। पैसेंजर हैं तो बसों में सवार होंगे और चल देंगे। यहां ऐसी व्यवस्था नहीं है कि यात्री यहां आए और घंटों इंतजार कर सकें। टिकट का काउंटर का ढांचा तो बना हुआ है, लेकिन फर्नीचर वर्क नहीं किया गया है।