पटना डेस्कः राजद और जेडीयू के बीच गठबंधन और तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का दावेदार बनाने की घोषणा के बाद से उपेंद्र कुशवाहा के मिजाज बदले हुे हैं और वे लगातार पार्टी के खिलाफ बोल भी रहे हैं। दरअसल उपेंद्र कुशवाहा ने राज्य भर के जेडीयू कार्यकर्ताओं को पटना बुलाया है। जहां अगले दो दिनों तक जेडीयू कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर आगे की रणनीति फाइनल करेंगे। कुशवाहा ने अपनी यह बैठक पटना के सिन्हा लाइब्रेरी में बुलाई है। इस बैठक को उन्होंने जेडीयू समर्पित कार्यकर्ता की बैठक की संज्ञा दी है।
वहीं, उपेंद्र कुशवाहा की इस बैठक को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि, उपेंद्र कुशवाहा का जो सोच है उसका हम सब लोग सम्मान करते हैं। पार्टी में उनकी इज्जत है और मैं भी उनकी इज्जत करता हूं। वह पार्टी में आए तो है पूरी तरह से सम्मानित किया गया और हर समय सम्मान मिला भी। अब कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना वाला काम कर रहे हैं।
ललन सिंह ने कहा कि, उपेंद्र कुशवाहा की निगाहें कहीं और है और निशाना कहीं और साध रहे हैं। वो कह रहे हैं कि पार्टी कमजोर हुई है , जबकि पार्टी के पूरे प्रदेश के कार्यकर्ता सदस्यता अभियान में लगे हुए थे। उस दौरान पर्व त्यौहार का माहौल था उसी दौरान पार्टी का सदस्यता अभियान भी था। काफी कठिनाई के साथ पार्टी के लोगों ने 72 लाख नए सदस्यों को पार्टी में जोड़ा। जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।
ललन सिंह ने कहा कि, उपेंद्र कुशवाहा कह रहे हैं कि पार्टी कमजोर हुई है तो फिर नहीं अभी बताना चाहिए कि जब पार्टी की सदस्यता अभियान चल रही थी तो उन्होंने अपने बदौलत कितने लोगों को पार्टी में ज्वाइन करवाया। उन्होंने तो एक भी लोगों को पार्टी का सदस्य बनाया नहीं।
जब पार्टी के लोग पार्टी को मजबूत करने में जुटे हुए थे अब तो ए खुदा डालो वो दिल्ली में कहीं लगे हुए थे। असल में उनको यह बताना चाहिए कि वह दिल्ली का जो बार-बार यात्रा कर रहे हैं। उसने उनका कुछ बात बना या नहीं बना। इसके अलावा उन्होंने साफ कर दिया कि, उपेंद्र कुशवाहा द्वारा जो आज बैठक बुलाई गई है वह पार्टी की अधिकारिक बैठक नहीं है। बैठक बुलाने का अधिकार सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष को ही है।