पटनाः बिहार में शिक्षक नियुक्ति को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। बिहार की सरकार जहां इसे अपनी उपलब्धि बता रही है और लाखों युवाओं को नौकरी देने का दावा कर रही है तो वहीं विपक्षी दलों का कहना है कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था इस कदर से ध्वस्त हो चुकी है कि बहाली निकालने के बावजूद अच्छे शिक्षक नहीं मिल रहे हैं। अब राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने शिक्षकों की बहाली को लेकर सवाल उठाया है।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि बिहार सरकार के दावों की हकीकत अब सामने आने लगी है। उन्होंन कहा है कि बिहार की सरकार लाखों नौकरियों का दावा कर रही है, जो पूरी तरह से खोखला साबित हो रही है। कुशवाहा ने कहा है कि शिक्षक अभ्यर्थियों के आरोपों को अगर सही ढंग से समझा जाए तो लाखों नौकरी की सच्ची कहानी सामने आ जाएगी।
कुशवाहा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि, ‘नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव द्वारा किए जा रहे बिहार में लाखों नौकरी के दावों की असलियत अब सामने आने लगी है। शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के आरोपों को समझेंगे तो लाखों नौकरी की सच्ची कहानी सामने आ जाएगी’।
उपेंद्र कुशवाहा ने आगे लिखा, ‘ज्यादातर पूर्व से नियोजित शिक्षकों को ही बीपीएससी भर्ती के माध्यम से नियुक्ति मिलनी है। ये संख्या कुल भर्ती का लगभग 25 प्रतिशत है। ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या बहुत ज्यादा है जो प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक तीनों में या एक से ज्यादा वर्गों में सफल दिखाए गए हैं। शिक्षक भर्ती में तमाम राज्यों की भांति बिहार सरकार ने भी डोमिसाइल नीति लागू करने की घोषणा की थी। जिसे उन्होंने न निभाकर भर्ती को अन्य राज्यों के लिए खोल दिया’।