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पटनाः पूरे देश में धूमधाम से मकर संक्रांति मनाया जा रहा है। वहीं बिहार में भी सियासी मकर संक्रांति खूब मनाई गई है, जहां राजनेता दही-चूड़ा खाने के बहाने जुटे हैं। पटना में इस बार लालू प्रसाद ने दही-चूड़ा का भोज दिया हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार पैदल राबड़ी आवास पहुंचे हैं। नीतीश के साथ ललन सिंह भी मौजूद हैं। इन दोनों का उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने स्वागत किया है। ये भोज इसलिए खास है क्योंकि इंडिया गठबंधन में नीतीश कुमार की भूमिका को लेकर उठ रहे सवाल के बीच खरमास खत्म हो गया है। 

दरअसल, पिछले कई दिनों से यह चर्चा राजनीतिक गलियारों में बनी हुई थी कि क्या जदयू अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस भोज में शामिल होंगे। क्योंकि काफी लंबे वक्त ने नीतीश और लालू की मुलाकात नहीं हुई है। न तो नीतीश बीते कई दिनों से राबड़ी आवास गए थे और न ही लालू यादव मुख्यमंत्री आवास। ऐसे में चर्चा इस बात कीथी कि लालू के चूड़ा-दही भोज में दोनों नेताओं की मुलाकात हो सकती है। अब इन तमाम चर्चा पर विराम लगता हुआ नजर आ सकता है या फिर समीकरण बदलता हुआ भी दिख सकता है। 

मालूम हो कि, सूबे में मकर संक्रांति के मौके पर दही-चूड़ा के भोज के बहाने सियासत साधना कोई नई बात नहीं है। बिहार से लेकर दिल्ली तक चूड़ा-दही के भोज पर राजनीतिक दिग्गजों की जुटान होती रही है। इस साल भी मकर संक्रांति पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेतागण मकर संक्रांति पर पटना में भोज का आयोजन कर रहे हैं।

वहीं,  जेडीयू कोटे से हर साल सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह दही-चूड़ा भोज का आयोजन करते रहे हैं लेकिन उनकी अस्वस्थता के कारण इस बार ये भोज उनके यहां नहीं हो रहा है। ऐसे में इस बार उनकी जगह  जेडीयू कोटे से बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सदा के यहां भी आज ही मकर संक्रांति का भोज आयोजित होना है इस भोज में भी सीएम नीतीश कुमार को शामिल होना है। ऐसे में सोमवार को होने वाले सियासी दही चूड़ा पर सभी की निगाहें होंगी। उधर, दूसरी तरफ़ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी बीजेपी दफ़्तर में चूड़ा दही का आयोजन कर रहे है और दावा है कि लगभग दस हज़ार लोग दही चूड़ा खाएंगे।

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