पटना डेस्कः बिहार सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े बदलाव को लेकर काम कर रही है, लेकिन डॉक्टर साहब (Doctor) हैं कि सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की हालत राज्य में सरकार की काफी कोशिश के बाद कुछ बदलाव नहीं हो रहा है। ताजा मामला मुजफ्फरपुर से जुड़ा हुआ है, जहां स्वास्थ्य विभाग का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल में सड़क दुर्घटना में घायल मरीज के टूटे हुए पैर में प्लास्टर कर प्लेट लगाने की जगह कार्टन बांध दिया गया है। यह मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन इसकी लीपापोती में जुट गया है।
SKMCH में हो रहा कारनामा
दरअसल, मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच (SKMCH) में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जहां सड़क हादसे में युवक का पैर टूटने के बाद उसे इलाज के लिए एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया था। मीनापुर के बरांडा मंझौलिया के रहने वाले नीतीश का डॉक्टरों ने इलाज शुरू तो किया। लेकिन टूटे हुए पैर का ऑपरेशन करने के बाद उसमें प्लेट डालकर प्लास्टर लगाने की जगह डॉक्टरों ने उसके ऊपर कार्टन लगाकर पट्टी बांध दी।
अस्पताल प्रशासन में मचा हड़कंप
मीडिया में खबर आने के बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आ गया और मामले की लीपापोती भी शुरू कर दी गई है। SKMCH की अधीक्षक डॉ. विभा ने कहा कि अब जल्द मरीज का इलाज किया जायेगा और इसके लिए डॉक्टर को निर्देश दिया गया है। प्लेट की जगह टूटे हुए पैर में कार्टन को बांधने के बारे में डॉक्टर और पारा मेडिकल स्टाफ से पूछताछ की जायेगी कि क्यों इस तरह का कार्य किया गया। उन्होंने जांच के बाद कार्रवाई की बात भी कही है।
विभाग पर उठने लगा सवाल
यह अजीबो-गरीब मामला सामने आने के बाद एक बार फिर बिहार का पूरा हेल्थ सिस्टम सवालों के घेरे में आ गया है। किन परिस्थितियों में प्लास्टर की जगह मरीज के टूटे पैर का ऑपरेशन करने के बाद उस पर कार्टन लगाकर पट्टी बांध दी गई, यह बड़ा सवाल है। पूरे जिले में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। अब देखने वाली बात होगी कि स्वास्थ्य विभाग इस पर क्या एक्शन लेता है ?
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