मिलेट्स महोत्सव का उद्घाटन करते राज्यपाल महोदय
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पटनाः राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मिलेट्स महोत्सव का उद्घाटन किया है। इस कार्यक्रम में सूबे के कृषि मंत्री मंगल पांडेय के साथ पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा (RK Sinha) शामिल हुए हैं। कार्यक्रम का मुख्य आयोजक अवसर ट्रस्ट और सह आयोजक आदि चित्रगुप्त मुद्रा बैंक और आद‌या आर्गेनिक है। कार्यक्रम के लिए विशेष तौर पर पद्मश्री से सम्मानित डा. खादर वली को आमंत्रित किया गया है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर मिलेट्स महोत्सव का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि परम्परा समृद्ध रही है। हजारों वर्ष पूर्व हमारे पूर्वज मिलेट्स खाकर निरोग रहा करते थे और लंबी आयु व्यतीत किया करते थे। आज हम अपनी परम्परा को भूल गए हैं और बीमार रहने लगे हैं। बिहार में कृषि उत्पादकता की अपार संभावना है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इस तीन दिवसीय मिलेट्स महोत्सव से हम बहुत कुछ सीखकर लाभान्वित होंगे। इसके आयोजन के लिए मैं पूर्व सांसद आर के सिन्हा को हार्दिक धन्यवाद देता हूँ।

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मिलेट्स महोत्सव का किया उद्गाटन, कृषि वैज्ञानिक खादर वली हुए शामिल 1

कार्यक्रम को संबोधित करते राज्यपाल महोदय

सैकड़ों प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

इस प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने के लिए देश भर में 1000 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है। बिहार सरकार का कृषि विभाग भी इसे स्पोंसर कर रहा है। प्रशिक्षण शिविर में मोटे अनाज के फायदे और इसके बनाने और खाने की विधि भी विस्तार बताई आएगी। प्रशिक्षण शिविर में देश भर के कई मिलेट्स उत्पादकों का स्टाल भी लगाया गया है। महोत्सव में कृषि विभाग के सचिव डाॅ संजय अग्रवाल, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक सुनील कुमार, ए सी एफ एल के निदेशक ए पी वर्मा, आद्या ऑर्गेनिक की निदेशक रत्ना सिन्हा समेत कई गण्यमान्य लोग मौजूद रहे। मंच संचालन अवसर ट्रस्ट के सीईओ अनुरंजन श्रीवास्तव ने किया।

डॉ. खादर वली ने लोगों को किया जागरूक

प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक डॉ. खादर वली (Khader Wali) ने खाद्य और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत सारी परियोजनाओं पर काम किया है। वे 20 सालों से मोटे और छोटे अनाज की पैरवी के साथ ही गेहूं, चावल और चीनी के नुकसान से भी लोगों को अवगत करा रहे हैं। उनका मानना है कि लोगों के जीवन में लाइफस्टाइल विकार मुख्य रूप में चावल, गेहू, चीनी, डेवरी के दूध और मिलावटी तेलों के भोजन से आ रहे हैं। डॉ वली में अपने चुने पांच मोटे अनाजों का मिश्रण को “श्रीधान्य” का नाम दिया इसके लिए उन्होंने पारंपरिक कृषि प‌द्धति की प्रोत्साहित किया। इनके जरिये उन्होंने हजारी लोगों का इलाज भी किया। कई बीमारियों को ठीक करने में सददगार इन सीटे और छोटे अनाजों का उत्पादन आने वाले समय में क्रांतिकारी रूप से बढ़ेगा जिसका फायदा भारत उठा सकता है। वह मिलेट्स खाने के कायदों की वकालत करने के साथ-साथ उमेटी को उर्वरता को बचाने और सही पकार की कृषि पद्धतियों का प्रयोग जल मचय और पर्यावरण समृधि पर भी सार्थका कार्य कर रहे हैं।

आरके सिन्हा ने मिलेट्स को बताया जीवन

राज्यसभा के पूर्व सांसद और अवसर ट्रस्ट के अध्यक्ष आरके सिन्हा (RK Sinha) ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि अगर आहार सही नहीं है तो दुनिया का कोई डॉक्टर आपको ठीक नहीं कर सकता। पहला सुख निरोगी काया है। इस मिलेट्स महोत्सव से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। कृषि वैज्ञानिकों को अपने शोध में मदद मिलेगी। मिलेट्स खाने का तरीका और उससे लाभ का पता चलेगा।मिलेट्स की खेती फायदे का सौदा है। कहते हैं कि ‘बोओ और घर जाकर सोओ।’

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मिलेट्स महोत्सव का किया उद्गाटन, कृषि वैज्ञानिक खादर वली हुए शामिल 2

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