पटना डेस्कः दिल्ली एम्स (AIIMS) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को बुधवार भर्ती कराया गया। खबरों के मुताबिक बताया जा रहा है कि उनकी हालत स्थिर है और उन्हें निगरानी में रखा गया है। पूर्व उप प्रधानमंत्री को एम्स के पुराने निजी वार्ड में भर्ती कराया गया है और बताया जा रहा है कि यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर्स उनका इलाज कर रहे हैं। हालांकि, उनकी बीमारी के बारे में तत्काल कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
भारत रत्न से तीन महीने पहले हुए थे सम्मानित
देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित होने के तीन महीने बाद ही पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिल्ली में लालकृष्ण आडवाणी को उनके आवास पर जाकर ‘भारत रत्न’ प्रदान किया था। औपचारिक समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और लालकृष्ण आडवाणी के परिवार के सदस्य शामिल हुए थे। बता दें कि लालकृष्ण आडवाणी ने जून 2002 से मई 2004 तक भारत के उप-प्रधानमंत्री और अक्टूबर 1999 से मई 2004 तक केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में कार्य किया।
कई साल से सक्रिय राजनीति से दूर
8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जन्मे आडवाणी 96 साल के हो चुके हैं. वे साल 2014 के बाद से सक्रिय राजनीति से दूर हैं। आडवाणी लंबे समय से आरएसएस से जुड़े रहे हैं। उनके राजनीतिक सफर की बात करें तो 1951 में जब जनसंघ की स्थापना हुई, वे तब से साल 1957 तक पार्टी सचिव रहे. इसके बाद 1973 से 1977 तक वे जनसंघ के अध्यक्ष रहे। साल 1980 में जब भाजपा की स्थापना हुई, तब आडवाणी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। वह कई बार – 1986 से 1990, 1993 से 1998 और 2004 से 2005 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे।
देश के उप प्रधानमंत्री रहे एलके आडवानी
लालकृष्ण आडवाणी 5 बार लोकसभा सांसद और 4 बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। साल 1977 से 1979 तक उन्होंने पहली बार केंद्रीय मंत्री के तौर पर जिम्मा संभाला। इस दौरान वो सूचना प्रसारण मंत्री रहे। 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनने के बाद आडवाणी को केंद्रीय गृहमंत्री बनाया गया। इसी सरकार में उन्हें 29 जून 2002 को उपप्रधानमंत्री पद का दायित्व भी सौंपा गया। साथ ही भाजपा ने 2009 लोकसभा आम चुनाव इनके नेतृत्व में लड़ी थी, लेकिन एनडीए की सरकार नहीं बन पाई थी। हालांकि2014 में पार्टी ने नये नेता नरेंद्र मोदी के रुप में लाकर चुनावी मैदान में उतरी थी।
आयोध्य रथ यात्रा का मिला श्रेय
लालकृष्ण आडवाणी वो नेता हैं, जिन्होंने राजनीति में रथयात्रा का कल्चर शुरू किया। 1990 में जब अयोध्या में राम मन्दिर की मांग चरम पर थी, तब आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या के लिए राम रथ यात्रा निकाली, जिसकी वजह से देश की राजनीति में हिंदुत्व की राजनीति ने उभरना शुरू किया। हालांकि आडवाणी को बीच में ही गिरफ़्तार कर लिया गया, लेकिन इस यात्रा के बाद आडवाणी का राजनीतिक कद बहुत बड़ा हो गया था। 1990 की रथयात्रा ने लालकृष्ण आडवाणी की लोकप्रियता को चरम पर पहुंचा दिया था। वर्ष 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जिन लोगों को अभियुक्त बनाया गया है, उनमें आडवाणी का नाम भी शामिल है।
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