उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजा जाना लगभग तय
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विधान परिषद की खाली हुई एक सीट पर जदयू के द्वारा प्रत्याशी उतार दिए जाने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा(रालोमो) नाराज हो गई है। अब इस नाराजगी को दूर करने को लेकर रालोमो को राज्यसभा की एक सीट दिए जाने की चर्चा है। बता दें कि जदयू ने श्रीभगवान सिंह कुशवाहा को विधान परिषद के लिए उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी है। वह दो जुलाई को नामांकन दाखिल करेंगे। इस घोषणा के बाद ही रालोमो के माधव आनंद ने कहा कि भाजपा के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े ने लोकसभा चुनाव के दौरान ही वादा किया था कि रालोमो को लोकसभा और विधान परिषद की एक-एक सीट मिलेगी। इसके बाद किसी के नाम की घोषणा ठीक नहीं है।


हालांकि, इस मुद्दे पर एनडीए का कोई नेता बयान नहीं दे रहे हैं। यह सीट रामबली सिंह चंद्रवंशी की सदस्यता रद्द करने के कारण खाली हुई है। चर्चा है कि रालोमो की नाराजगी दूर करने के लिए उसे राज्यसभा की रिक्त हुई सीट दी जा सकती है। कहा जा रहा है कि रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेजा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि डॉ. मीसा भारती के लोकसभा चुनाव में पाटलिपुत्र से विजयी होने के बाद राज्यसभा में उनकी सीट खाली हुई है। मीसा का कार्यकाल सात जुलाई 2028 तक था। भाजपा के राज्यसभा सांसद विवेक ठाकुर के नवादा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतने के बाद उनकी राज्यसभा सीट खाली है। उनका कार्यकाल नौ अप्रैल 2026 तक है। अब इन दोनों सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिन पर एनडीए की जीत तय मानी जा रही है। एक सीट पर भाजपा तो दूसरी जदयू के खाते में जा सकती है। कहा जा रहा है कि जदयू अपने कोटे से रालोमो के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा को राज्यसभा भेज सकती है। वैसे, अभी तक नीतीश कुमार की पार्टी की ओर से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है। राज्यसभा की दोनों सीटों पर उपचुनाव की अधिसूचना भी अभी जारी नहीं हुई है।

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