मुजफ्फरपुर: भारतीय न्याय संहिता की धारा 299, 302 और 356(1) के तहत राहुल गांधी के खिलाफ मुजफ्फरपुर के सीजेएम की अदालत में मुकदमा दर्ज हुआ है और मुक़दमे की गंभीरता को देखते हुए अदालत मामले पर 15 जुलाई को सुनवाई करेगी। मुकदमा करने वाले परिवादी हैं देवयांशु किशोर जो हिंदूवादी नेता हैं और गिरिराज सिंह फैंस क्लब के सदस्य हैं। मुकदमा दर्ज करने के बाद देवयांशु किशोर ने बताया कि कांग्रेस पार्टी के सांसद और नेता विरोधी दल राहुल गांधी द्वारा हिंदू धर्म को लेकर एक विवादित बयान दिया गया था। इस दौरान उन्होंने अपने बयान से देशभर के करोड़ों हिंदू समाज के लोगों की भावनाओं को आहत किया है।
राहुल गांधी ने हिंदुओं को हिंसक बताया था। इसको लेकर हमलोगों ने विचार किया कि राहुल गांधी हिंदू धर्म की भावना को ठेस पहुंचा रहे हैं। इससे आहत होकर कोर्ट में परिवाद को दायर किया है। इसको कोर्ट ने बुधवार को स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए 15 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की है।
पूरे प्रकरण को लेकर परिवादी के वकील सुमित कुमार ने बताया कि राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। सांसद भवन में उन्होंने जो बयान दिया था उसे हमारे मौलिक विचारों को बहुत ठेस पहुंची है। उनका हिन्दू भावना को ठेस पहुंचाना गलत था। इस वजह से केस दर्ज करवाया गया है। उन पर भारतीय न्याय अधिनियम की धारा 299, 302 और 356(1) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। उल्लेखनीय है कि तीन नए कानून पिछले 1 जुलाई को लागू हुए जिनके बारे में न सिर्फ पुलिस बल्कि कानून के जानकारों की भी माथापच्ची जारी है। चर्चा यही है कि तीन नए कानून सख्त हैं और इनके तहत मामले की सुनवाई और जांच भी उतनी ही गहनता से होगी।
दरअसल, सोमवार को सदन में राहुल गांधी ने एक घंटा स्पीच दी थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा, नफरत नफरत-नफरत… आप हिंदू हो ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है, सच का साथ देना चाहिए।’ राहुल गांधी के इस बयान पर सदन में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा किया। पीएम मोदी ने भी खड़े होकर इसे गंभीर बात बताया था।
जानकारी के लिए इस बात का उल्लेख करना जरुरी है कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 और 302 किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए जानबूझ कर बोलने जबकि धारा 356(1) राष्ट्रद्रोह(डिफेमेशन) के खिलाफ लगायी जाने वाली धाराएं हैं, जिनके तहत 15 जुलाई को सुनवाई होगी।
केंद्र सरकार ने तीन पुराने कानून की जगह नए कानून लाने की वजह कानूनों का भारतीयकरण करना बताया था और इसका स्वागत भी किया गया था। देश के सामाजिक तानेबाने को छिन्नभिन्न करने के लिए जिस तरह से और बड़े पैमाने पर हिन्दू धर्म और हिन्दुओं को टारगेट किया जा रहा था, वह आहत करने वाला तो था ही, समाज में वैमनस्य का मार्ग भी प्रशस्त करता रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि नए कानून के अलोक में राहुल गांधी के खिलाफ होने वाली सुनवाई का टर्म ऑफ रिफरेन्स तीनों धाराओं को रिफ्लेक्ट करेगा।