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मुजफ्फरपुर: मानसून की बारिश और जलजमाव से होने वाले डेंगू मलेरिया को लेकर जहां स्वास्थ्य से सम्बंधित चुनौतियां सामने खड़ी रहती हैं वहीं, बीते साल डेंगू के करीब 600 मामले आने के बाद इस साल स्वास्थ्य विभाग अब फूंक-फूंक कर कदम उठा रहा है। एक नयी जानकारी सामने आई है जो थोडा चौंकाती है और जानकारी यह है कि डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मच्छरों के पनपने में एक बड़ा कारक नारियल पानी यानी डाभ की दुकान है जिसपर नजर राखी जा रही है। इस जानकारी के मिलने का बाद स्वास्थ्य विभाग ने डाभ की दुकानों पर नजर रखनी कर दी है।

दरअसल, आधा दर्जन डेंगू के केस मिलने के बाद जहां स्वास्थय विभाग अलर्ट मोड पर है, वहीं डेंगू से प्रभावित क्षेत्र पर नजर रखने के लिए विशेष रूप में तैयारी की गई है। डेंगू को फैलने से रोकने के लिए विभाग ने बड़ी तैयारी शुरू कर दी है। इसमें पीएचसी से लेकर सदर अस्पताल और एसकेएमसीएच तक इलाज के लिए विशेष तैयारी की जा रही है और डेंगू के अलग से वार्ड चिह्नित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही नगर निगम प्रशासन को शहरी क्षेत्रों में गड्ढे में जमा पानी को हटाने के साथ-साथ टेमीफोरास दवाओं की व्यवस्था करवाई गई है ताकि इसका छिड़काव कराया जा सके। इसके साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी फॉगिंग करवाई जाएगी।

इस बाबत एसीएमओ डॉ.सतीश कुमार ने यह बताया कि पहले ऐसे केस आए थे जिसमें डेंगू के हॉट स्पॉट को चिह्नित किया गया था। इस साल भी इस दिशा में कार्रवाई की जा रही है। इसके लिए प्रभावित क्षेत्र की सभी आशा कार्यकर्ताओं को जन जागरूकता अभियान चलाये जाने के निर्देश दिए गए हैं। बीते साल जहां-जहां पर डेंगू के मरीज मिले थे, वहां जाकर लोगों को डेंगू से बचाव के उपाय बताएंगी। साथ ही डेंगू के कारकों में नारियल पानी की दुकान को चिह्नित किया गया है। इस्तेमाल किये हुए डाभ के अंदर पानी भरने और यहां-वहां फेंके जाने से इसमें जमा पानी में डेंगू का मच्छर पनपता है। यह डेंगू का कारक बनता है। आम तौर पर लोग इस पर ध्यान नहीं देते पर इस जानकारी के बाद सावधानी बरतना जरुरी हो गया है।

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