गया: बीते शनिवार को इंडिया गठबंधन की ओर से बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर विरोध मार्च किया गया था। विपक्ष के इस मार्च पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राजद सुप्रीमो लालू यादव की वाट लगा दी । उन्होंने कहा कि राजद को कानून व्यवस्था के मसले पर बोलने का कोई हक ही नहीं है। मैं 1980 से विधायक हूं। कांग्रेस और लालू-राबड़ी राज को बेहद नजदीक से देखा है मैंने।
मांझी ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय एक अणे मार्ग में पीड़ित और अपराधी को बुलाया जाता था। समझौता होता था। कहा जाता था कि यही अपराधी है, यह भूखा है। इन्हें कुछ दे दीजिए, तो मामला शांत हो जाएगा। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने बताया कि लालू-राबड़ी राज में एक डॉक्टर का अपहरण हुआ। डॉक्टर के परिजन और हमलोग भी परेशान हुए। गुहार लगाने डॉक्टर का परिवार एक अणे मार्ग पहुंचा। वहां किडनैपर पहले से बैठा था। फिर दोनों पक्ष में समझौता हुआ। अपराधी 12 लाख मांग रहे थे, एक अणे मार्ग में 5 लाख में सौदा तय हुआ। इसके बाद डॉक्टर का रेस्क्यू एक अणे मार्ग से ही हुआ।
इस वाकये का जिक्र करने के बाद मांझी ने कहा कि अब ऐसा नहीं होता। अब अपराध होता है, तो कार्रवाई भी होती है। अब न तो किसी को फंसाया जाता है और न ही बचाया जाता है। बावजूद कोई बोले तो यह उनकी थेथरई है। इसी दौरान उन्होंने चुटकी भी ली और पूछा कि नेता प्रतिपक्ष शनिवार को कहां थे ? उन्हें कानून व्यवस्था पर बोलने का कोई हक नहीं है। मुझे नहीं लगता है कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पटरी से उतर गई है। दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को सख्ती से चेताया है। कानून व्यवस्था के मसले पर किसी भी हाल में समझौता न हो ।
वहीं केंद्रीय मंत्री ने यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों में नेम प्लेट लगाने के आदेश पर उन्होंने पलट कर पूछा कि इसमें गलत क्या है ? यह तो ब्रांडिंग से जुड़ा मसला है। मांझी ने कहा कि गया का प्रमोद लड्डू अपने नाम से फेमस है। उसके नाम से लोग जानते हैं। इसी तरह श्रीराम तिलकुट भी फेमस है। कहने का मतलब है कि अच्छी चीज बेचने वालों का नाम होगा और कारोबार बढ़ेगा। भक्त उनके यहां से सामान खरीदेंगे।