liquor offloading in bihar
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मानपुर: सूबे में शराब बंदी के आठ वर्ष बाद भी ट्रेनों से शराब तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है। ट्रेनों से हो रही शराब तस्करी को रोकने के लिए पेट्रोलिंग पार्टी भी बनाई गई है| बावजूद शराब तस्कर रेल सिग्नल को डिस्टर्ब कर शराब की खेप उतारने में कामयाब हो रहे हैं। बताया जाता है कि शराब तस्करों का गिरोह धनबाद -गया इंटरसिटी, ईएमयू को बांसकटवा जंगल के आसपास से शराब लेकर आते हैं और मानपुर जंक्शन व फल्गु नदी पर बने रेल पुल के पहले वैक्यूम करने के साथ ही सिग्नल को डिस्टर्ब कर शराब की खेप उतार लेते हैं। ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस,आरपीएफ, जीआरपी को नहीं है।

बावजूद इस पर लगाम नहीं लगा पाना एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। सूत्रों की माने तो शराब तस्कर ट्रेन से शराब अनलोड करने के बाद एक ग्रुप वैक्यूम को जोड़ कर सिग्नल ठीक कर देते हैं।वहीं दूसरा ग्रुप उक्त शराब को रेलवे लाइन के बगल में ही गड्ढे कर दबा देता है, जिसे अपनी सहूलियत के अनुसार मौका देख कर निकाल लिया जाता है।

तस्करों का इनपुट पुलिस से तगड़ा है, यह तो जाहिर है पर नाम न छपने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने यह खुलासा किया कि जब-जब पुलिस शराब तस्कर के खिलाफ कार्रवाई के लिए मानपुर जक्शन, शहीद ईश्वर चौधरी हॉल्ट पर जाल बिछाती है तो तस्कर स्टेशन पहुंचने के पहले अथवा रेल पुल के पहले ट्रेन रोककर शराब उतार लेते हैं।

उन्होंने कहा कि अगर बीच में मौका नहीं मिलता है तो शराब तस्कर ट्रेन से नदी में शराब से भरा बोरा गिरा देता है। जबतक पुलिस नदी में पहुंचती हैं, उनके गिरोह से जुड़े अन्य सदस्य शराब लेकर फरार हो जाते हैं।सनद रहे कि तस्वीर में दिख रही महिला शराब तस्कर मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मालहटोली की बताई जा रही है।

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