हरनौत(नालंदा): कोलकता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में द्वितीय वर्ष की स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर मौमिता देबनाथ के साथ हुई घटना को लेकर वुधवार की शाम को स्थानीय बाजार में सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं बुद्धिजीवियों ने कैण्डल मार्च निकाला। कैंडल मार्च चंडी मोड़ से चलते हुए बाजार, गोनावाँ रोड मोड़, थाना मोड़ एवं डाकबंगला रोड होते प्रखंड कार्यालय तक जाकर सम्पन हुआ जिसमे दर्जनों लोगों ने भाग लिया।
बतादें कि कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज में द्वितीय वर्ष की स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉ मौमिता देबनाथ कॉलेज परिसर के एक सेमिनार हॉल में मृत पाई गईं थी। दर्जी पिता ने बेटी को पढ़ाने के लिए दिन-रात मेहनत किया। बेटी ने भी पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। जिंदगी भर परिवार ने संघर्ष किया। बेटी ने कोलकाता के घनी आबादी वाले उपनगर सोदेपुर से आरजी कर तक का सफर तय किया।
अब बेटी की बारी परिवार का कर्ज चुकाने की थी कि दरिंदो ने यह हाल कर दिया। वह अपने माता-पिता का जीवन बेहतर बनाए बिना ही इस दुनिया से चली गई। पिता ने कहा कि हम एक गरीब परिवार हैं और हमने उसे बहुत मुश्किलों से पाला है। उसने डॉक्टर बनने के लिए बहुत मेहनत की। हमारे सारे सपने एक रात में टूट गए। कार्यक्रम के दौरान बुद्धिजीवियों ने सभी लोगों से अपील किया कि वे महिलाओं एवं बालिकाओं को सम्मान दें। उनकी अस्मिता को सुरक्षा दें। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हम सभी अपने घर में माँ बहनों को सम्मान करते हैं,उसी तरह दूसरे के माँ बहनों को सम्मान दें। लोगों ने सरकार से दोषियों को फांसी की सजा की मांग किया। सभी लोग घटना के विरोध में तख्ती पर नारा लिखकर कैंडल मार्च किया।
सरकार से मांग किया कि पूरे बिहार के लोग हुई घटना व हो रही घटना से आहत हैं। मौजूदा घटना को निष्पक्ष तरीके से जांच करने की आवश्यकता है। ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो। घटना में शामिल दरिदों को फांसी की सजा देने का मांग किया है। समाजिक कार्यकर्ता चंद्रउदय कुमार गौतम कुमार, रवि कुमार एवं शुभाष कुमार ने कहा कि मानव में मानवता खत्म हो गया है। जिसके चलते ये लोग जानवर से भी बदतर घटना को अंजाम देते हैं। हर मानव को मानवीय मूल्यों को समझना चाहिये। इस मौके पर पंकज कुमार, गोपाल पांडे, सुरेश सिंह, निरंजन नारायण, शशिरंजन, दीपक, असीम, प्रेम, रोहित, सौरभ, किशन, राहुल, कृष सहित सैंकड़ो लोग उपस्थित हुए|