मोहड़ा(गया): मोहड़ा प्रखंड में अधिकारियों की मनमानी चरम पर है। जनता के द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि भी अब अफसरशाही से तंग आ गए हैं। मोहड़ा बीडीओ मुकेश कुमार यादव पर सरकारी कार्यों में अनियमितता बरतने का आरोप मुखिया संघ ने लगाया है। मुखिया संघ की अध्यक्ष शिल्पी सिंह ने इस संबंध में डीएम को पत्र लिख कर बीडीओ पर कार्रवाई की मांग की है। दिए गए आवेदन में अरई, उतरी कजूर एवं गहलौर पंचायत के मुखिया ने भी हस्ताक्षर किया है।
मुखिया शिल्पी सिंह ने बताया कि बीडीओ मुकेश कुमार यादव भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उनके द्वारा बिना किसी कारण के उनके पंचायत में तीन बार पंचायत सचिव को बदल दिया गया। क्योंकि वे मनमाने ढंग से पंचायत की योजनाओं में दखल देते हैं। जिस पंचायत के सचिव बीडीओ के मन के अनुरुप नहीं चलते उन्हें उस पंचायत से पत्र देकर हटा दिया जाता है। पंचायत सचिव के प्रभार सौंपने में जान-बूझ कर देर कराई जाती है। और उस अवधि में पंचायत का कार्य बाधित हो जाता है।
मनमानी का आलम यह है कि बिना डीएम के अनुमोदन के ही पंचायत सचिव का तबादला दूसरे पंचायत में किया गया। मामला प्रखंड के तेतर पंचायत से संबंधित है। जब यह मामला संज्ञान में आया तो मुखिया संघ ने डीएम को आवेदन सौंपा है। डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने मामले की जांच नीमचक बथानी एसडीएम गोपाल कुमार को सौंपी है। मामले में एसडीएम गोपाल कुमार ने बताया कि जिला से जांच का निर्देश मिला है। बीडीओ पर लगे आरोपों की जांच कर जांच रिपोर्ट भेज दी गई है।
प्रखंड में पदस्थापित अधिकारी को अपना आवासन प्रखंड मुख्यालय में रखने का नियम है। लेकिन, मोहड़ा प्रखंड के अधिकांश कर्मचारी प्रखंड मुख्यालय में नहीं रहते। बीडीओ मुकेश कुमार यादव खुद रोज सरकारी खर्च से 30 किलोमीटर दूर आते-जाते हैं।
विधि-व्यवस्था का मामला होने पर रात्रि में भी उन्हें क्षेत्र में जाना पड़ता है। रोजाना हजारों रुपए का सरकारी तेल सिर्फ बीडीओ के आवागमन में खर्च होता है। इसे सरकारी राशि का दुरुपयोग माना जा सकता है। समाजसेवी पप्पू यादव ने बताया कि आमलोगों की समस्या को लेकर भी अधिकारी गंभीर नहीं हैं।