पटना: प्रावैधिकी एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डाक्टर संतोष कुमार सुमन ने आरक्षण केे मुद्दे पर राज्य भर में धरना-प्रदर्शन करने के फैसले को नौटंकी बताया और कहा कि राजद ने कभी किसी दलित को मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनाया? बल्कि जब जब बारी आई दलित नेतृत्व का विरोध किया। चाहें राम सुन्दर दास रहे हों, रामविलास पासवान रहे हों या जीतन राम मांझी रहे हों। सबका विरोध इनलोगों ने किया। आज तक अपनी पार्टी से भी किसी वर्ग में नेतृत्व पैदा नहीं होने दिया।
डाक्टर सुमन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सत्ता में रहते सामाजिक न्याय और आरक्षण पर कभी आँच नहीं आ सकती। राजद के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए पार्टी आरक्षण खत्म होने का हौवा खड़ा कर लोगों को गुमराह करती है, सड़कों पर उत्पात करती है और कमजोर वर्ग के लोगों में दहशत का माहौल बनाती है। उन्होंने कहा कि आरक्षण – नौकरी के नाम पर गरीबों के वोट से सत्ता मिलने पर राजद भ्रष्टाचार में डूब जाता है और अपराधियों को संरक्षण देता है। लालू प्रसाद ने कभी दलितों-पिछड़ों को आरक्षण नहीं दिया, आरक्षण दिये बिना पंचायत चुनाव कराये और उनके राज में दलितों के नरसंहार की घटनाओं से बिहार शर्मसार होता रहा। क्या अभी भी किसी दलित को सीएम चेहरा प्रोजेक्ट करेंगे ?