आरा: रोहतास जिले में नगर पंचायत द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 119 पर रोहतास नगर पंचायत की सीमा में प्रवेश करने वालों के स्वागत के लिए बने गेट के दोनों तरफ राजा रोहितेश्वर के नाम पर बने रोहतास के साथ साथ अकबर की धरती लिखा बोर्ड लगाए जाने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क के दोनों तरफ नगर पंचायत की तरफ से स्वागत का बोर्ड लगाया गया है जिसपर बोर्ड लगाने वालों में नगर पंचायत की मुख्य पार्षद सुम्बुल आरा और उप मुख्य पार्षद नसीमा खातून का नाम अंकित है.
विवाद होने के बाद कई पार्षदों ने मुख्य पार्षद सुम्बुल आरा व उप मुख्य पार्षद नसीमा खातुन के विरोध में आवाज उठायी. नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को आवेदन देकर इस मुगलिया मानसिकता से बाहर निकलने के लिए कार्रवाई की मांग की. मामले को विवादित होते देख जिला प्रशासन भी हरकत में आया और डीएम, एसपी से लेकर एसडीएम,थानाध्यक्ष और डीएसपी तक सक्रिय हो उठे.शांति समिति की बैठक की. प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद नगर पंचायत प्रशासन ने सड़क के दोनों ओर के बोर्ड से दोनों नाम हटवा दिया.
वहां लगे झंडे भी उतरवा दिए.रोहतास के लोगों का कहना है कि यह राजा रोहितेश्वर की धरती है. इसी नाम पर इस जगह का नामकरण रोहतास हुआ है.मुगलकाल में नाम को बदलने का काम अकबर के शासन में किया गया. लोगों का कहना है कि मुगल सल्तनत की समाप्ति के बाद भी कुछ लोग मानसिकता से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. सरकारी दस्तावेजों में दर्ज नाम को बदल कर विवाद को जन्म दे देते हैं. रोहतास नगर पंचायत के स्वागत बोर्ड में रोहतास को राजा अकबर का नगर बना नया विवाद खड़ा कर दिया गया.पुलिस और प्रशासन की सतर्कता के बाद बोर्ड से नाम हटवा कर अब विवाद को शांत कर दिया गया है.
स्थानीय लोगों के अनुसार इस जगह पर अकबर के आने का इतिहास ही नहीं है.ऐसे में इस तरह का स्लोगन लिखवा कर नगर पंचायत यहां के समृद्ध इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर रहा है. ऐसे में बोर्ड लिखवाने वाले नगर पंचायत के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
नगर पंचायत रोहतास के अजय कांत रोहित ने कहा कि बोर्ड पर लिखे हुए अकबर की धरती का जिक्र इतिहास में कहीं भी अंकित नहीं है. राजा रोहित के पावन धरती को अकबर की धरती से जोड़ने वाले मुगलिया मानसिकता से बाहर निकलें. वार्ड नंबर 12 के वार्ड पार्षद आकिब जावेद का कहना है कि किसी भी सरकारी स्वागत गेट पर धार्मिक झंडा या बैनर लगाना पूरी तरह गलत है. ऐसे लोगों को चिन्हित कर के उनपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
इसके पूर्व नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी कृष्ण स्वरूप ने शांति समिति की बैठक बुलाई.बैठक में थानाध्यक्ष निकुंज भूषण प्रसाद, बीडीओ बबलू कुमार, सीओ सुशी कुमारी भी शामिल हुई. शांति समिति की बैठक में नगर पंचायत की जनता से शांति बनाने की अपील की गई. बैठक में तत्काल आपत्तिजनक शब्द को हटाने के लिए निर्देश दिया गया.
आनन फानन में राजा रोहितेश्वर व राजा अकबर की धरती शब्द को हटाया गया. हालांकि लोगों ने राजा रोहितेश्वर शब्द हटाने पर कड़ी नाराजगी जताई है और कहा है कि इतिहास साक्षी है कि यह राजा रोहितेश्वर की नगरी है. रोहतासगढ़ किला उन्हीं के नाम पर है. इस जिले का नामकरण रोहितेश्वर के नाम पर हुआ है. उधर नगर पंचायत के ईओ ने बताया कि हमें मुख्य पार्षद व उप मुख्य पार्षद द्वारा निर्देशित किया गया था.जिसके कारण बोर्ड पर राजा अकबर की भूमि लिखी गई.