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जमुई: जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंड के एक दर्जन गांवों को मुख्यालय से जोड़ने वाली सड़क की स्थिति जर्जर बनी हुई है। इसे लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। इस सड़क का निर्माण साल 2017 में हुआ था उसके बाद इस सड़क की आज तक मरम्मत नहीं करायी गयी जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है।

जर्जर सड़क की मरम्मती के लिए कई बार मुखिया, प्रखंड प्रमुख, उप प्रमुख,पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद, राजनीतिक दलों के नेताओं, विधायक और सांसद को भी कहा जा चुका है लेकिन अब तक इसपर कोई पहल नहीं की गई। इस सड़क पर बाइक क्या पैदल चलना भी मुश्किल है।

इस बात की जानकारी मौरा पंचायत के वर्तमान मुखिया धनराज यादव,पंचायत समिति सदस्य दु:खन यादव,कुणाल सिंह,सोनू सिंह,सच्चिदानंद मिश्रा,विरेन्द्र यादव,अजीत झा सहित अन्य ग्रामीणों द्वारा दी गई है। लोगों ने कहा कि सड़क निर्माण 2017 में कराया गया था। जिसके बाद आज तक मरम्मत कार्य नहीं कराया गया। साल 2021 तक मरम्मत कार्य के नाम पर आवंटित राशि की निकासी निर्माण एजेंसी करती रही। सड़क बीच-बीच में उखड़ गयी है और बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं जिसके कारण बाइक और पैदल चलना भी मुश्किल है।

ग्रामीणों ने बताया कि प्रत्येक 5 वर्षों में पंचायत चुनाव, विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव के वक्त ग्रामीणों को नेताजी पक्की सड़क बनाने का आश्वासन दे जाते हैं। लेकिन अब तक सड़क जर्जर बनी हुई है। जर्जर सड़क के कारण वाहन को छ्ह किलोमीटर सफर तय करने में आधे घंटे से अधिक का समय लग जाता है। बरसात के दिनों में ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

बता दें कि गिद्धौर मौरा भाया मांगोबंदर तक वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना से कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग झाझा के द्वारा लगभग लाखों रुपए की लागत से 6 किलोमीटर सड़क का निर्माण कराया गया था। जिसमें 5 वर्ष के रखरखाव के लिए लगभग लाखों रुपए की राशि निर्धारित की गयी थी।

सड़क के किनारे जंगली झाड़ियां से जहां एक तरफ सड़क संकीर्ण हो गया है। वहीं, दूसरी और जानवर एकाएक सामने से जानवर आने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। जमुई विधान सभा क्षेत्र की भाजपा विधायक श्रेयसी सिंह ने कहा कि जल्द जर्जर हो चुके सड़क का निर्माण कराया जाएगा। इसको लेकर विभाग के द्वारा भी स्वीकृति मिल गई है।

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