पटनाः देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा के निधन होने पर पूरे देश में शोक की लहर है। 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल मेंं अंतिम सांस ली। उनके निधन से देश में शोक का माहौल है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव समेत तमाम दलों के नेताओं ने दुख जताया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘भारत ने एक अनमोल रत्न खो दिया। प्रसिद्ध उद्योगपति और पद्म विभूषण से सम्मानित श्री रतन टाटा जी की निधन की खबर अत्यंत दुःखद और असहनीय है। उन्होंने भारत के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित व्यापारिक घरानों में से एक को स्थिर नेतृत्व प्रदान किया। साथ ही अपनी विनम्रता, दयालुता और समाज को बेहतर बनाने के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के कारण उन्हें आम लोगों से भी भरपूर प्रेम मिला है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में उच्च स्थान दें और दुःख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिजनों को धैर्य प्रदान करें।
वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, मानवीय मूल्यों व परोपकार में गहरी आस्था रखने वाले बड़े उद्योगपति, विजनरी लीडर, ईमानदारी, नैतिकता, दयालुता और सद्भावना की मिसाल श्री रतन टाटा जी के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करता हूं। वो ऐसे उद्योगपति थे, जो हमेशा औरों के लिए जिए। उन्होंने अनुकरणीय जीवन जिया। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें।
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। वह टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के दत्तक पोते नवल टाटा के पुत्र थे। उन्होंने स्कूली पढ़ाई मुंबई से की। इसके बाद वे कॉर्नेल यूनिवर्सिटी चले गए। वहां से उन्होंने आर्किटेक्चर में बीएस किया। 1961-62 में वह टाटा समूह से जुड़े। बाद में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस मैनेजमेंट प्रोग्राम से मैनेजमेंट की डिग्री ली और 1991 में वे टाटा ग्रुप के चैयरमेन बने। साल 2012 में वह रिटायर हो गए थे, लेकिन इसके बावजदू वह लगातार सक्रिय दिखते थे। उनकी उपलब्धियों में 1 लाख रुपये की नैनो कार की लॉन्चिंग, फोर्ड समूह की लग्जरी कार बनाने वाली जगुआर और लैंड रोवर खरीदना शामिल है।
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