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भागलपुर: भागलपुर में एक सपेरा को 10 साल की कैद की सजा सुनाई गई है। व्यवहार न्यायालय के एडीजे 14 विवेक कुमार की अदालत ने सपेरा मो.शमसुल को 10 साल की कैद और 1 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। ये सजा घटना के 13 साल बाद सपेरा को दी गई है।

दरअसल, 2011 में पीरपैंती के दुलदुनिया गांव में शमसुल, सांप का खेल दिखा रहा था। उसने गांव के एक युवक के गले में सांप लपेट दिया और खेल दिखा रहा था। उसी समय सांप ने उस युवक को डस लिया, जिससे उसकी मौत हो गई थी। उसी मामले में दोषी सपेरे को 10 साल की सजा सुनाई गई है। मो. शमसुल पीरपैंती थानाक्षेत्र के खानपुर गोविंदपुर का रहने वाला है। इस दौरान सरकार की तरफ से मुहम्मद अकबर खां ने बहस में हिस्सा लिया।

अगस्त 2011 में अभियुक्त सपेरा मो. शमसुल अपने कई सांपों को लेकर पीरपैंती के ओलापुर पंचायत के दुलदुलिया गांव सांप का खेल दिखाने पहुंचा था। सांप के खेल से पहले मो. शमसुल ने डमरू और बांसुरी बजाकर काफी भीड़ इकट्ठी कर ली थी। उस भीड़ में से दुलदुलिया गांव के राजेंद्र राम बिंद के बेटे दिवाकर राम बिंद अन्य लड़कों के साथ आगे खड़ा होकर सांप का खेल देख रहा था। इस बीच डमरू बजाते सपेरा मो.शमसुल ने दिवाकर को भीड़ से अपनी तरफ हाथ पकड़ कर खींच लिया।

वहीं, सपेरे द्वारा उसे निडर बताते हुए कुछ नहीं होने की बात कहकर पिटारे में से रखे ताबीज के ढेर से एक ताबीज निकाल दिवाकर को दे दिया। बोला ताबीज के रहते कोई सांप तेरा कुछ भी बाल-बांका नहीं कर सकता। इतना बोल कर फिर पिटारे से एक सांप निकाला और दिवाकर के गले में लपेट दिया। सांप ने चंद मिनटों के बाद ही दिवाकर को डस लिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। सपेरा मो. शमसुल के द्वारा उसे बचाने का प्रयास किया गया था, लेकिन दिवाकर की मौके पर ही मौत हो गई। घटना को लेकर सपेरा मो. शमसुल के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कराया गया था। उसी केस के दोषी सपेरा मो. शमसुल को कोर्ट ने सजा सुनाई है।

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