jan Suraj
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पटनाः बिहार के चार विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव को लेकर प्रशांत किशोर ने प्रेसवार्ता की है। प्रशांत किशोर ने तरारी उपचुनाव को लेकर उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। यह पहली बार है जब उनकी पार्टी चुनाव में हिस्सा ले रही है। ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने उम्मीदवारों का चयन करते समय सोशल इंजीनियरिंग की रणनीति को ध्यान में रखा है। प्रशांत किशोर ने चार सीटों- तारारी, इमामगंज, बेलागंज और रामगढ़ पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपनी पार्टी जन सुराज के उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है।

यह पहली बार होगा जब उनकी पार्टी चुनाव में औपचारिक रूप से हिस्सा लेगी। हालांकि प्रत्याशी के नाम ऐलान सिर्फ तरारी के लिए किया गया है। उन्होंने उम्मीदवारों का चयन करते समय सामाजिक समीकरणों का ध्यान रखा है। तरारी सीट पर एक राजपूत नेता को उतारा है, जिनका नाम एसके सिंह, जो फौज से रिटायर्ड है। दूसरी तरफ इमामगंज सीट पर एक गैर-मांझी दलित, बेलागंज सीट पर एक मुस्लिम और रामगढ़ सीट पर एक अति पिछड़ा या पिछड़ा उम्मीदवार को मैदान में उतारेंगे। हालांकि ऐलान होना बाकी है।

बता दें कि इन चारों सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 18 अक्टूबर को नोटिफिकेशन जारी होगा। 28 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 30 अक्टूबर तक नाम वापसी हो सकेगी। 13 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। 23 नवंबर को मतों की गिनती होगी। जन सुराज पार्टी के लिए यह पहला चुनाव है। इन चारों सीटों पर उपचुनाव इसलिए हो रहे हैं क्योंकि इनके मौजूदा विधायक अब सांसद बन गए हैं। CPI (ML) के सुदामा प्रसाद, RJD के सुधाकर सिंह, सुरेंद्र यादव और HAM के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सांसद बन गए हैं, जिसके कारण इन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले दो दशकों से बिहार की सत्ता में हैं। सोशल इंजीनियरिंग का विशेषज्ञ माना जाता है। उन्होंने दलितों और महादलितों को अलग-अलग करके एक नया वोट बैंक बनाया। शराबबंदी के जरिए उन्होंने महिलाओं का वोट हासिल किया। NDA के साथी होने के बावजूद उन्होंने मुस्लिम वोटों को भी अपनी ओर खींचा। उन्होंने JDU के लिए पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों का वोट बैंक तैयार किया। पीके भी कुछ इसी तर्ज पर बिहार की सियासत में एंट्री मारने को बेताब हैं।

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