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नालंदा: पशुधन की सुरक्षा को लेकर नालंदा जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। आगामी 23 अक्टूबर से जिले में एक विशाल टीकाकरण अभियान की शुरुआत होने जा रही है, जिसके तहत लगभग 4 लाख पशुओं को खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) बीमारी से बचाने के लिए टीका लगाया जाएगा।

जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. रमेश कुमार ने बताया कि यह अभियान घर-घर जाकर चलाया जाएगा और सभी टीके निशुल्क लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि, ‘प्रत्येक पंचायत में एक समर्पित टीकाकर्मी की नियुक्ति की गई है, जिन्हें प्रति पशु 5.50 रुपए का भुगतान किया जाएगा।‘

टीवीओ मोबाइल डॉ. ललन के अनुसार, अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए जिला और प्रखंड स्तर पर विशेष नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। एक महत्वपूर्ण नियम के तहत, टीकाकरण से पहले सभी पशुओं की ईयर टैगिंग अनिवार्य की गई है।

पशु चिकित्सक डॉ. अंजनी कुमार ने इस बीमारी की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि खुरपका-मुंहपका एक अत्यंत संक्रामक वायरल रोग है, जो जुगाली करने वाले पशुओं में तेजी से फैलता है। इसके प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, मुंह और खुरों में छाले, सुस्ती और भूख में कमी शामिल हैं।

केवल 4 महीने से अधिक आयु के स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण होगा। टीकाकरण का पूरा विवरण ‘इनाफ’ मोबाइल एप पर दर्ज किया जाएगा। पशुपालकों को ईयर टैगिंग के लिए सहमति देना अनिवार्य होगा।

प्रत्येक टीकाकर्मी को अपना और पशु मालिक का पूरा विवरण ऑनलाइन दर्ज करना होगा। जिला पशुपालन विभाग ने पशुपालकों से अपील की है कि वे इस अभियान में पूर्ण सहयोग करें और अपने पशुओं की ईयर टैगिंग अवश्य कराएं। इससे न केवल उनके पशुओं को बीमारियों से सुरक्षा मिलेगी, बल्कि विभिन्न सरकारी योजनाओं का फायदा लेने में भी आसानी होगी।

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