पटना डेस्कः जस्टिस खन्ना देश के 51वें मुख्य नयायाधीश के रुप में शपथ ले ली है। राष्ट्रपति भवन में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। उनका कार्यकाल 13 मई 2025 तक यानी लगभग 6 महीने का होगा। वो चुनावी बॉन्ड योजना खत्म करने और अनुच्छेद 370 निरस्त करने जैसे कई ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं।
दरअसल, जस्टिस संजीव खन्ना ने जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की जगह ली है। जस्टिस चंद्रचूड़ रविवार को रिटायर हो गए हैं। जस्टिस खन्ना का कार्यकाल 13 मई 2025 तक रहेगा। जनवरी 2019 से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कार्यरत जस्टिस संजीव खन्ना कई बड़े केस पर सुनवाई कर चुके हैं। जस्टिस खन्ना ईवीएम की विश्वसनीयता को बनाए रखने, चुनावी बॉन्ड योजना को खत्म करने, अनुच्छेद 370 को हटाने और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने जैसे कई महत्वपूर्ण फैसलों का हिस्सा रहे हैं।
बता दें कि जस्टिस संजीव खन्ना दिल्ली के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। वह दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति देव राज खन्ना के बेटे हैं और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एच आर खन्ना के भतीजे हैं। वह लंबित मामलों को कम करने और न्याय मुहैया कराने में तेजी लाने पर जोर देते रहे हैं।जस्टिस संजीव खन्ना अपने कानूनी करियर की शुरुआत 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के तौर पर की थी। उन्हें संवैधानिक कानून, टैक्सेशन, मध्यस्थता, वाणिज्यिक कानून और पर्यावरण कानून में व्यापक अनुभव है।
मालूम हो कि, जस्टिस संजीव खन्ना का जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। साल 1983 में दिल्ली बार काउंसिल के साथ एक वकील के रूप में उनका रजिस्ट्रेशन हुआ था। साल 2004 में उन्हें दिल्ली के लिए स्थायी वकील के रूप में नियुक्त किया गया था। साल 2005 में वह दिल्ली हाई कोर्ट के एडिशनल जज बन गए थे और 2006 में परमानेंट जज बन गए थे। इसके बाद 18 जनवरी 2019 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में प्रमोट कर दिया गया था। 13 मई 2025 को उनका रिटायरमेंट है।