इतिहास से सीखिए अन्यथा पछताइएगा! – सुरेंद्र किशोर

By Team Live Bihar 41 Views
6 Min Read
surendra-kishore
Surendra Kishore

कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर और सलमान खुर्शीद ने हाल ही में यह कह दिया है कि ‘बांग्ला देश में जो कुछ हो रहा है,वह भारत में भी हो सकता है।’ इतिहास मत भूलिए। भारत के कश्मीर में भी सन 1990 में हो ही चुका है। वहां जेहादियों ने सैकड़ों हिन्दुओं को मार डाला। लाखों को भगा दिया। मारने से पहले यह नहीं पूछा कि तुम पंडित हो या ठाकुर। या किस अन्य जाति के हो ?

19 जनवरी 1990 को कश्मीर में हजारों जेहादी सड़कों पर आ गये थे । मस्जिदों के लाउड स्पीकरों से ऐलान होने लगा–‘‘कश्मीरी पंडित,कश्मीर छोड़ दो। अपनी महिलाओं को यहीं रहने दो, अन्यथा, मारे जाओगे। उस रात सैकड़ों कश्मीरी पंडित पुरुष,स्त्री और बच्चे नृशंसतापूर्वक मार दिए गए। सर्वाधिक हृदय विदारक ‘हिंसा’ महिलाओं के साथ की गयी। पश्चिम बंगाल के संदेश खाली तथा देश के कई अन्य हिस्सों में यह सब छिटपुट होता ही रहता है। इस देश में जहां भी मुस्लिम आबादी बढ़ जाती है, वहां से हिन्दुओं का पलायन शुरू हो जाता है। आजादी के बाद इस देश के कई राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो चुके हैं। जो इतिहास से नहीं सीखता,वह इतिहास दुहराने पर उससे पीड़ित होने को अभिशप्त होता है। हमारे यहां इतिहास से न सीखने की पुरानी परंपरा है।

ऐतिहासिक घटनाएं बताती हैं कि हम जब -जब बंटे तब -तब कटे। आज भी वोट बैंक के लोभ और जातीय स्वार्थ के चक्कर में इस देश का बहुसंख्यक समाज व राजनीतिक जमात बुरी तरह बंटा हुआ है। ऐसे मुद्दों पर भी जेहादियों को मदद मिल रही है जिन मुद्दों का सच्चाई से कोई सरोकार ही नहीं । कुछ साल पहले दिल्ली के शाहीन बाग को न सिर्फ लंबे समय तक जाम रखा गया बल्कि दंगे भी किये गये। इस अफवाह को फैला कर यह सब किया गया कि सी.ए.ए. से मुसलमानों की नागरिकता पर खतरा आएगा। जबकि यह अफवाह निराधार थी। अफवाहबाजों को तथाकथित सेक्युलर दलों का साथ मिला। सी.ए.ए. के तहत बगल के देशों से कभी आए गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता दी जा रही है, पर उस प्रक्रिया में यहां के किसी मुस्लिम की नागरिकता नहीं ली जा रही है। उसी तरह की अफवाह अब वक्फ संपत्ति और पूजा स्थल कानून को लेकर भी फैलाई जा रही है। देखना है आगे- आगे क्या-क्या होता है!

मणि शंकर अय्यर का पाक में दिया बयान

सन 2015 में पाकिस्तान जाकर वहां के एक टी.वी.चैनल पर बोलते हुए मणि शंकर अय्यर ने पाकिस्तानियों से अपील की कि ‘पहले आप लोग मोदी को हटाइए।’ उस पर सन 2017 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आरोप लगाया कि मणि शंकर अय्यर ने मेरे लिए पाकिस्तानियों को ‘सुपारी’ दी थी। मुझे ‘हटाने’ के लिए वे कह आए। हटाने से उनका मतलब क्या था ?

सलमान खुर्शीद का समर्थन

अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने जब जेहादी संगठन सिमी पर प्रतिबंध लगा दिया तो सिमी ने उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी। सिमी के वकील थे–उतर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सलमान खुर्शीद। याद रहे कि सिमी के लोग अब पी.एफ.आई. के साथ हैं। पी.एफ.आई भारत में हथियारों के बल पर 2047 तक इस्लामिक शासन कायम करने के लिए कातिलों का दस्ता तैयार कर रहा है।

जिस देश में ऐसे -ऐसे लोग सक्रिय हैं और उन्हें बहुसंख्यकों के एक हिस्से से मदद भी मिल रही है, तो भारत में ‘बांग्ला देश’ दुहराने की अय्यर-खुर्शीद की कल्पना निराधार नहीं मानी जाएगी। यदि सचमुच वैसा कुछ होता है तो 1990 के कश्मीर और आज के बांग्ला देश को याद कर लीजिए। हमारी अत्यंत मजबूत सेना तथा अन्य ताकतों के समक्ष तो वैसे कोई सफल नहीं हो सकता, पर जेहादी लोग कुछ नुकसान तो पहुंचा ही देंगे। याद रहे कि 1990 में करीब चार लाख हिन्दुओं को कश्मीर से पलायन कर जाने को जेहादियों ने मजबूर कर दिया था।
1962 से पहले से ही नेहरू सरकार को यह खबर दी जा रही थी कि सीमा पर चीन भारत में आगे बढ़ता चला आ रहा है। बाद में यह सवाल जब संसद में उठा तो प्रधान मंत्री नेहरू ने बेफिक्र भाव से कहा कि जिस जमीन पर वह बढ़ रहा है,वहां घास का एक तिनका तक नहीं उगता। उस पर कांग्रेस के ही महावीर त्यागी ने सदन में खडे़ होकर अपने गंजे सिर पर हाथ फेरा और प्रधान मंत्री पं. नेहरू से सवाल पूछा — मेरे सिर पर तो एक भी बाल नहीं है, तो क्या मेरे सिर को उड़ा दोगे ? चेतावनी पर अमल नहीं करने के कारण चीन ने 1962 में हमारी हजारों वर्ग मील जमीन पर कब्जा कर लिया था।

Share This Article