90 घंटे काम करने वाली बहस पर बोले CEO दीपक शेनॉय, मैं सप्ताह में 100 घंटे काम करता हूं…

By Aslam Abbas 47 Views
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लार्सन एंड टूब्रो (एल एंड टी) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन के सप्ताह में 90 घंटे काम करने के बयान ने सोशल मीडिया पर कार्य संतुलन को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। अब इस मामले पर कई कारोबारी लोगों का बयान आ रहा रहै। इसी बीच कैपिटलमाइंड के संस्थापक और सीईओ दीपक शेनॉय की प्रतिक्रिया सामने आई है। जिसमें उन्होंने उत्पादकता और कार्य संतुलन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि, वे अक्सर सप्ताह में 100 घंटे से ज्यादा काम करते हैं।

कैपिटलमाइंड के संस्थापक और सीईओ दीपक शेनॉय ने लिखा कि मैंने अपने पूरे कार्यकाल में शायद सप्ताह में 100 घंटे काम किया है, लेकिन उसमें से अधिकांश काम मैंने एक कारोबारी के तौर पर किया है। आपको काम के घंटे लागू करने की जरूरत नहीं है, जो लोग प्रेरित हैं वे खुशी से काम करेंगे। वैसे भी अधिकतर असली काम दिन में 4-5 घंटे में होता है, लेकिन आपको नहीं पता कि ऐसा कब होता है।

दीपक शेनॉय ने आगे लिखा कि मुझे अभी भी बैठकों को काम कहना मुश्किल लगता है, लेकिन इसमें उस काम से ज्यादा ऊर्जा लगती है जिसे मैं काम कहता हूं। जब मैं खेलता हूं, तो मैं जमकर खेलता हूं। जब मैं काम करता हूं, तो मैं जमकर काम करता हूं। बता दें कि एसएन सुब्रह्मण्यन की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर जमकर लोगों और सेलेब्रिटी की ओर से प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं।

उद्योगपति हर्ष गोयनका ने एक पोस्ट में लिखा था कि सप्ताह में 90 घंटे? संडे का नाम बदलकर ‘सन-ड्यूटी’ क्यों न कर दिया जाए और ‘छुट्टी का दिन’ को एक मिथकीय अवधारणा क्यों न बना दिया जाए? मैं कड़ी मेहनत और समझदारी से काम करने में विश्वास करता हूं, लेकिन जीवन को एक सतत कार्यालय शिफ्ट में बदल देना? यह सफलता नहीं, बल्कि बर्नआउट का नुस्खा है।

सुब्रह्मण्यन ने कहा था कि कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करना चाहिए और रविवार को भी छुट्टी नहीं लेनी चाहिए। उन्होंने कर्मचारियों से पूछा, “आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक घूर सकते हैं?” उन्होंने कर्मचारियों से घर पर कम और कार्यालय में ज्यादा समय बिताने की अपील की। उन्होंने कहा कि मुझे खेद है कि मैं आपको रविवार को काम करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।

अगर मैं आपको रविवार को काम करने के लिए बाध्य कर सक सकूं, तो मुझे अधिक खुशी होगी, क्योंकि मैं रविवार को काम करता हूं।” सुब्रह्मण्यन ने आगे सवाल किया कि घर पर रहने के दौरान कर्मचारी क्या करते हैं। उन्होंने पूछा, “आप घर पर बैठकर क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक घूर सकते हैं?” तो फिर चलो चलो, दफ्तर आओ और काम करना शुरू करो।

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