बीपीएससी (BPSC) ने खान सर के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए लीगल नोटिस भेजा है। बीपीएससी ने आरोप लगाया है कि खान सर ने आयोग के खिलाफ बेबुनियाद अफवाह फैलाई है। आयोग के अध्यक्ष, सचिव और अधिकारियों के खिलाफ विभिन्न जगहों पर अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियां की। बिहार लोक सेवा आयोग ने खान सर को इन मामलों को लेकर 15 दिनों के भीतर माफी मांगने को कहा है। बीपीएससी की ओर से खान सर को भेजा गया नोटिस पांच पेज का है। इसमें कई किस्म के आरोप लगाए गए हैं।
कोर्ट की तरफ से भेज गए नोटिस में कहा गया है कि फैजल खान उर्फ खान सर ने 05.12.2024 और 06.12.2024 को बीपीएससी से बिना पता लगाए या पुष्टि किए ही 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा में सामान्यीकरण यानी नॉर्मलाइजेशन लागु किए जाने के बारे में गलत सूचना/अफवाह फैलाई है। अभ्यर्थियों को निराधार सूचना/अफवाहों पर इकट्ठा होने और बिहार लोक सेवा आयोग के खिलाफ विरोध करने के लिए उकसाया है। नोटिस में कहा गया है कि खान सर ने अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियां की हैं, जैसे कि “ये मध्यम वर्ग के बच्चे हैं। कोई इनके एस.डी.एम. की सीट, कोई इनके डी.एस.पी. का सीट बेचेगा, हम होने नहीं देंगे।
नोटिस में कहा गया है कि 29.12.2024 को आपने छात्रों की भीड़ को संबोधित किया था, जिसका वीडियो है। इसमें आप आयोग और उसके अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि “बकलोल कहिका कह रहा है कि विद्यार्थी नहीं है, वो अपना जैसा समझ रहा है, जैसे ‘वो सब फर्जी नौकरी ले लिया ना। “बेशरम, साला ऊपर जाके जवाब देना है”; “कोढ़ फूट जाएगा”; “आयोग ने धंधली की है”
खान सर को आयोग ने कहा कि आपने न केवल अपमानजनक और निराधार टिप्पणी की है बल्कि अभ्यर्थियों को बिहार लोक सेवा आयोग के विरुद्ध एकत्रित होने और विरोध करने के लिए उकसाया है, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है। आपका यह कृत्य अनुचित और पूरी तरह से कानून के विरुद्ध है।
नोटिस में आगे कहा गया कि खान सर की उपरोक्त अपमानजनक टिप्पणी पूर्णतः निराधार एवं निराधार है, जिससे संवैधानिक संस्था बिहार लोक सेवा आयोग की प्रतिष्ठा को भारी ठेस पहुंची है। यह स्पष्ट किया जाता है कि बिहार लोक सेवा आयोग एवं उसके पदाधिकारियों के विरुद्ध इस प्रकार की अपमानजनक टिप्पणी पूर्णतः निराधार, निराधार एवं सत्य से कोसों दूर है।
एक ओर आप बिहार लोक सेवा आयोग एवं उसके पदाधिकारियों की प्रतिष्ठा को भारी क्षति पहुंचाने के लिए उत्तरदायी हैं, वहीं दूसरी ओर आप अफवाह फैलाने के लिए भी उत्तरदायी हैं, जिससे अभ्यर्थियों का भविष्य भी प्रभावित हो सकता है। अतः आपसे अनुरोध है कि आप आज से पंद्रह दिनों के भीतर बिहार लोक सेवा आयोग एवं उसके पदाधिकारियों से बिना शर्त सार्वजनिक रूप से माफी मांगें।
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