सदस्यता बहाल होने के बाद भी सुनिल सिंह को बिहार विधान परिषद में नहीं मिली एंट्री, फिर सभापति को लिखा पत्र, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की दिलाई याद

By Aslam Abbas 77 Views
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सुप्रीम कोर्ट से सदस्यता बहाल करने का आदेश जारी किए जाने के बावजूद राजद के पूर्व विधान पार्षद सुनील सिंह की सदस्यता अबतक बहाल नहीं हो सकी है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधान परिषद को सुनील सिंह की सदस्यता खत्म करने वाले आदेश रद्द करते हुए फिर से बहाल करने का आदेश दिया था। लेकिन विधानमंडल के बजट सत्र में शामिल होने का मौका नहीं मिला है। इसके बाद सुनील सिंह ने सभापति को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की याद दिलाई है।

विधान परिषद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री करने के बाद विधान परिषद की आचार समिति ने आऱजेडी एमएलसी सुनील सिंह की सदस्यता को रद्द कर दिया था। इस फैसले को चुनौती देते हुए सुनील सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामले पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने सुनील सिंह की मिमिक्री को सही नहीं ठहराया था लेकिन कहा था कि सिर्फ इसके लिए किसी की सदस्यता नहीं रद्द की जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनील सिंह की सदस्यता फिर से बहाल करने का आदेश विधान परिषद को दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश देने के बावजूद विधान परिषद से अबतक सुनील सिंह की सदस्यता बहाल नहीं की गई है। अब जब बजट सत्र की शुरूआत हो गई है, सुनील सिंह ने सभापति अवधेश नारायण सिंह को पत्र लिखा है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए उनकी सदस्यता को फिर से बहाल करने की मांग की है।

सुनील सिंह ने लिखा, आदरणीय महोदय, मेरे पत्र दिनांक 26.02.2025 को आगे बढ़ाते हुए, जो आपके सम्मानित कार्यालय को पहले ही प्राप्त हो चुका है, मैं एक बार फिर सम्मानपूर्वक अनुरोध करता हूं कि डॉ. सुनील कुमार सिंह बनाम बिहार विधान परिषद (सचिव के माध्यम से) और अन्य, 2024 की रिट याचिका (सिविल) संख्या 530 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 25.02.2025 के फैसले के अनुपालन में, बिहार विधान परिषद में मेरे सदस्यों को तत्काल प्रभाव से बहाल किया जाए।

आपका सम्मानित कार्यालय संविधान और कानून के शासन को कायम रखने के लिए जाना जाता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने मेरी बहाली के संबंध में एक स्पष्ट और बाध्यकारी निर्देश जारी किया है, जैसा कि नीचे दिया गया है. पैरा 88(ई): “याचिकाकर्ता को तत्काल प्रभाव से बीएलसी के सदस्य के रूप में बहाल करने का निर्देश दिया जाता है।

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