AISA का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नें शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन, मौलाना मजहरुल हक यूनिवर्सिटी में घोर भ्रष्टाचार से अवगत कराया

By Aslam Abbas 179 Views Add a Comment
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पटनाः मौलाना मजहरूल हक अरबी और फारसी विश्वविद्यालय में व्याप्त घोर भ्रष्टाचार की जांच की मांगो पर आइसा (AISA) के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से साकारात्मक बात करते हुए शिक्षा मंत्री ने तमाम मांगो की निष्पक्ष जांच करने को लेकर का आश्वासन दिए।

आइसा की राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी ने कहा कि मौलाना मजहरूल हक अरबी और फारसी विश्वविद्यालय बिहार का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है। जहां उर्दू, अरबी और फारसी भाषा के अनेक शैक्षणिक कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। विवि. से लाखों छात्रों का भविष्य जुड़ा हुआ है लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों ने अपने स्वार्थ की पूर्ती के लिए इसे भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया है।

विश्वविद्यालय में कुलसचिव कामेश कुमार दूसरी बार स्थानांतरण कराकर आए हैं। लगातार अपने पद का दुरुपयोग करके विश्वविद्यालय के अकादमिक भवन के दो तल को बेहद कम दर पर साजिश के तहत एक निजी संस्था को बेचने की प्रक्रिया शुरू की गई। जबकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानक के अनुसार इस विश्वविद्यालय के पास पहले से ही कम स्थान है। इसका विरोध करने पर अंग्रेजी विभाग के शिक्षक डॉ. नौशाद आलम को बेबुनियादी आरोप में फंसाकर निलंबित कर दिया गया है।

ठीक दूसरी तरफ विकास अधिकारी ईनाम जफर को उर्दू में उत्तर देने पर वेतन रोक दिया जाता है, जबकि उर्दू राजकीय दूसरी भाषा है। विवि. के अंदर छात्रविरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए भ्रष्टाचार में संलिप्त कुलसचिव पर जल्द से जल्द उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

AISA का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नें शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन, मौलाना मजहरुल हक यूनिवर्सिटी में घोर भ्रष्टाचार से अवगत कराया 1

आइसा राज्य सचिव सबीर कुमार ने कहा कि एमएमएचयू में अनेक वित्तीय अनियमितता का प्रकरण भी प्रकाश में आया है। अनेक सामग्री निर्धारित राशि से दूगने से भी अधिक दर पर खरीदा गया है। यह सब कुलसचिव कामेश कुमार के कार्यकाल में ही हुआ है। इसलिए कुलसचिव के दोनों कार्यकाल की न्यायिक जांच की जानी चाहिए। लगभग आठ माह पहले ही समाप्त हो चुका है लेकिन राजभवन के संज्ञान के अभाव और अपने प्रभाव के कारण वे अपने पद पर न केवल लगातार बने हुए हैं बल्कि अनेक नियम विरोधी फैंसले भी कर रहे हैं।

विश्वविद्यालय के अनेक शिक्षकों की परीविक्षा अवधि समाप्त हो चुकी है लेकिन अभी तक उनकी सेवा संपुष्टि नहीं किया गया। अनुशासन की दुहाई देनेवाले विवि. प्रशासन कार्यकाल में न तो इस विश्वविद्यालय को नैक मिला। इसलिए विश्वविद्यालय के कार्यों की गहन और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इन्हीं विषयों को शिक्षा मंत्री के संज्ञान में दिया गया है। आइसा प्रतिनिधिमंडल में राज्य अध्यक्ष प्रीति कुमारी, राज्य सचिव सबीर कुमार और आइसा सदस्य विनीता कुमारी मौजूद रहे।

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