गया: गर्मियों में ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट से निपटने के लिए गया जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। समाहरणालय परिसर से डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) के चापाकल मरम्मत दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जिले के किसी भी ग्रामीण क्षेत्र में पानी की समस्या नहीं होने दी जाएगी।
डीएम ने बताया कि गया जिले के सभी प्रखंडों में दो-दो मरम्मत दलों को तैनात किया गया है। प्रत्येक टीम में प्लंबर, टेक्नीशियन और अन्य कर्मी शामिल हैं, जो खराब पड़े चापाकलों को तत्काल ठीक करेंगे। कुल 48 चापाकल मरम्मत दल तैयार किए गए हैं, जिन्हें जिले के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि गर्मी के दिनों में पेयजल संकट न हो, इसके लिए सभी सरकारी चापाकलों को चालू हालत में रखा जाएगा।यदि कहीं चापाकल खराब है तो उसे तत्काल ठीक कराया जाएगा।
डीएम ने कहा कि लोगों की शिकायतों के लिए कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जहां से तत्काल टीमों को रवाना किया जाएगा। इसके लिए गया डिवीजन के लिए 0631-2220611 और शेरघाटी डिवीजन के लिए 0632-6355052 नंबर जारी किया गया है। इसके अलावा टोल फ्री नंबर 1800-123-1121 पर कॉल करके भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
डीएम ने कार्यपालक अभियंता को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी प्रखंड, पंचायत या ग्रामीण क्षेत्र में चापाकल खराब नहीं रहना चाहिए। जहां मरम्मत संभव नहीं हो, वहां नया चापाकल लगाया जाए। खासतौर पर सरकारी संस्थानों, स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल की समस्या नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि चापाकल मरम्मत के दौरान स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी अवश्य दी जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे। साथ ही, शिकायत मिलने पर संबंधित क्षेत्र के अभियंता और कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।
डीएम ने जिले के सभी ग्रामीणों से अपील की कि यदि उनके क्षेत्र में कोई सरकारी चापाकल खराब है तो वे तुरंत कंट्रोल रूम या हेल्पलाइन नंबर पर जानकारी दें। मरम्मत दल मौके पर पहुंचकर तुरंत समस्या का समाधान करेंगे। उन्होंने कहा, हमारा प्रयास है कि इस भीषण गर्मी में किसी भी ग्रामीण को पानी के लिए भटकना न पड़े। अप्रैल के पहले सप्ताह तक सभी खराब चापाकलों को चालू करने का लक्ष्य रखा गया है।