जमुई, संवाददाता
जमुई के सिमुलतला क्षेत्र में जंगल की आग ने विकराल रूप ले लिया है। हल्दिया झरना पहाड़ से लेकर तिलौना, बघावा और लीलावरण तक जंगलों में आग फैल चुकी है। आग के कारण हजारों पेड़ जलकर राख हो गए हैं। वन्यजीवों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है। छोटे जीव आग की चपेट में आ रहे हैं। बड़े जानवर जंगल छोड़कर भटक रहे हैं। वहीं जंगलों में लगी आग से जिले की हरियाली खत्म हो रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह एक पुरानी परंपरा का नतीजा है। गर्मी के मौसम में महुआ चुनने के लिए लोग जानबूझकर सूखे पत्तों में आग लगाते हैं। इस प्रक्रिया में कई नए पौधे और दुर्लभ जड़ी-बूटियां नष्ट हो जाती हैं।
वनपाल अजय कुमार पासवान ने बताया कि सेक्टर 07 और 03 में आग लगी है। वन विभाग ने दो अग्निशमन वाहन तैनात किए हैं। कटल गार्ड और सिपसी की मदद से फायर लाइन काटकर आग बुझाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन आग पर काबू पाना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस समस्या का स्थायी समाधान जरूरी है। सरकार वृक्षारोपण पर करोड़ों खर्च कर रही है। लेकिन जंगलों को आग से बचाने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। अगर यही स्थिति रही तो पूरा पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होगा। इससे इंसान, पशु-पक्षी और पर्यावरण को भारी नुकसान होगा।
जमुई के जंगलों में लगी आग, हजारों पेड़ जले
