गोपालगंज, संवाददाता
गोपालगंज में शराब के साथ जब्त की गई स्कार्पियो के अनाधिकारिक इस्तेमाल के मामले में पटना हाई कोर्ट ने तत्कालीन थानाध्यक्ष को दोषी मानते हुए 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। एचसी ने इसे ‘सरकारी शक्ति का दुरुपयोग’ करार दिया। न्यायमूर्ति पीवी वजंत्री और न्यायमूर्ति एसबीपी सिंह की खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि ये पैसे उन अधिकारियों से वसूले जाएंगे जिनकी भूमिका वाहन के दुरुपयोग में पाई गई है। अदालत में सुनवाई के दौरान गोपालगंज एसपी अवधेश कुमार खुद उपस्थित हुए और अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश की है।
एसपी की रिपोर्ट में बताया गया कि जब्त वाहन का 9 सितंबर से 11 अक्टूबर 2024 के बीच 14 बार इस्तेमाल किया गया है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कुमार हर्षवर्धन ने कोर्ट में यह भी बताया कि स्कॉर्पियो में लगे जीपीएस डिवाइस के डाटा से यह बात प्रमाणित हुई कि वाहन को नियमित रूप से चलाया जा रहा था। इसके आधार पर याचिका दायर की गई थी।
कुचायकोट पुलिस ने 8 सितंबर 2024 को तड़के सुबह करीब 4:30 बजे यूपी बॉर्डर पर एक काली रंग की बिना नंबर की स्कॉर्पियो को रोका था। तलाशी में उसमें 22 कार्टून में देशी शराब के बोतल बरामद किए गए थे। पुलिस ने हरियाणा के सोनीपत निवासी साहिल(23) और फिरोजाबाद के जसराना गांव निवासी अमित(28) को गिरफ्तार किया था। अमित के पास से तीन आईफोन भी जब्त किए गए थे।
हाईकोर्ट ने गोपालगंज एसपी को दो माह के अंदर विभागीय जांच पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा गया है कि दोषी अधिकारियों पर पुलिस मैनुअल के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
कुचायकोट के पूर्व थानाध्यक्ष पर 25 हजार का जुर्माना
