वक्फ एक्ट के विरोध में पूर्व विधायक मुजाहिद आलम ने JDU से दिया इस्तीफा, नीतीश कुमार पर धोखा देने का लगाया आरोप

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वक्फ एक्ट 2025 के विरोध में जनता दल यूनाइटेड के अदंर मुस्लिम नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला लगातार जारी है। ताजा मामला किशनगंज से जुड़ा हुआ है, जहां पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने जदयू से इस्तीफा दे दिया। उनके साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भी पार्टी से किनारा कर लिया है। मुजाहिद आलम पिछले 15 सालों से जदयू से जुड़े हुए थे। उन्होंने दिवंगत मो तस्लीमुद्दीन के साथ 15 साल पहले जदयू की सदस्यता ली थी, उसके बाद लगातार जदयू का सीमांचल में विस्तार करते हुए अपनी पहचान सीमांचल में जदयू के बड़े नेता के रूप में बनाई।

मास्टर मुजाहिद आलम ने पार्टी छोड़ने के बाद किशनगंज स्थित अपने जेडीयू कार्यालय से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पोस्टर और बैनर भी हटा दिए। कार्यालय में अब केवल मुजाहिद आलम के ही पोस्टर-बैनर लगे हुए हैं। वे वर्तमान में किशनगंज जेडीयू के जिलाध्यक्ष थे और 2024 में लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रत्याशी भी रहे थे।

नीतीश कुमार द्वारा वक्फ बिल पर केंद्र की मोदी सरकार को समर्थन दिए जाने से मुजाहिद आलम काफी समय से असंतुष्ट चल रहे थे। उन्होंने इसे मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप बताया। इसी कारण उन्होंने जेडीयू के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मुजाहिद आलम ने कहा कि ’15 साल जनता दल यूनाइटेड में रहने के बाद आज मैंने पार्टी से बाहर होने का फैसला लिया है।’ उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए वक्फ बिल को जमीन पर कब्जा करने की केंद्र सरकार की साजिश बताया।

बता दें मास्टर मुजाहिद आलम ने वक्फ बिल का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है। वकील शाहिद अनवर ने उनकी ओर से 9 अप्रैल 2025 को बिल के खिलाफ याचिका दाखिल की। आलम का कहना है कि वक्फ मुसलमानों का धार्मिक मसला है, जिसमें कोई भी बाहरी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जा सकता।

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