पटनाः सर्वोच्च न्यायालय ने BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई के बाद कहा कि परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी का कोई सबूत नहीं है। इसलिए याचिका खारिज की जाती है। इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने भी BPSC परीक्षा रद्द करने को लेकर दायर सारी याचिकाओं को खारिज कर दिया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट में आज याचिका दायर करने वालों ने कई बड़े वकीलों को उतारा था, लेकिन वे कोई ठोस तथ्य या सबूत पेश नहीं कर पाए।
बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा 13 दिसंबर 2024 को आयोजित 70वीं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कराने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने की. बेंच ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि पेपर लीक का जो आरोप लगाया गया है उसका कोई सबूत नहीं मिला है।
कोर्ट में हुई सुनवाई में वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश और कॉलिन गोंसाल्वेस याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में व्हाट्सएप मैसेज और कुछ वीडियो क्लिप्स प्रस्तुत किए, जिनमें दावा किया गया कि परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र लीक हुआ और कुछ परीक्षा केंद्रों पर लाउडस्पीकर के माध्यम से उत्तर बताए गए। हालांकि, पीठ ने इन डिजिटल सबूतों की प्रमाणिकता पर सवाल उठाया. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान वीडियो क्लिप्स को देखा और उसमें कोई ठोस आधार नहीं पाया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी कहा कि सभी आरोप केवल एक परीक्षा केंद्र बापू परीक्षा परिसर से संबंधित हैं, जहां पहले ही पुनर्परीक्षा कराई जा चुकी है। जस्टिस मनमोहन ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के आरोपों के अनुसार भी पेपर लीक तब हुआ जब उम्मीदवार परीक्षा कक्ष में प्रवेश कर चुके थे. हालांकि, याचिका दायर करने वालों की वकील अंजना प्रकाश ने इस पर असहमति जताते हुए कहा कि जब संपूर्ण प्रक्रिया संदेह के घेरे में है तो फिर से परीक्षा कराना जरूरी है।
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