पटनाः राष्ट्रीय जनता दल के विधायक रीतलाल यादव को पटना के बेऊर जेल से हटाकर भागलपुर जेल शिफ्ट गिया गया। यह कार्रवाई रंगदारी और धमकी के एक हाई-प्रोफाइल मामले में गिरफ्तारी के बाद हुई है। रीतलाल यादव पर पर एक बिल्डर से जबरन वसूली और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है। जेल प्रशासन के इस कदम ने न केवल बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है, बल्कि रीतलाल के समर्थकों और विरोधियों के बीच नई बहस छेड़ दी है।
बता दें कि रीतलाल यादव को 17 अप्रैल 2025 को दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल भेजा गया था। उनके खिलाफ खगौल थाने में बिल्डर कुमार गौरव ने शिकायत दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि रीतलाल और उनके सहयोगियों ने 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी और धमकी दी। इस मामले में पटना पुलिस ने 11 अप्रैल 2025 को रीतलाल के 11 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 10.5 लाख रुपये नकद, 77 लाख रुपये के ब्लैंक चेक, 6 पेन ड्राइव, और जमीन से संबंधित संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए गए थे।
जेल प्रशासन ने रीतलाल को बेऊर जेल से भागलपुर जेल स्थानांतरित करने का फैसला लिया, जो इस मामले में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह स्थानांतरण सुरक्षा कारणों और जेल प्रशासन की रणनीति के तहत किया गया है, क्योंकि रीतलाल पर पहले भी बेऊर जेल से रंगदारी का रैकेट चलाने का आरोप लग चुका है। स्थानांतरण की यह कार्रवाई रीतलाल के प्रभाव को सीमित करने और जांच को प्रभावित होने से रोकने के लिए उठाया गया कदम हो सकता है।
रीतलाल के भागलपुर जेल स्थानांतरण ने सियासी हलकों में नई बहस छेड़ दी है। RJD समर्थकों और रीतलाल के परिवार ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। रीतलाल की पत्नी रिंकू देवी ने अपने फेसबुक पोस्ट में दावा किया था कि उनके देवर पिंकू यादव को गुपचुप तरीके से बेऊर जेल से भागलपुर जेल स्थानांतरित करने की तैयारी थी, और यह कदम “किसी के दबाव” में उठाया जा रहा है। उन्होंने प्रशासन से सवाल किया कि इतनी जल्दबाजी क्यों की जा रही है।
रीतलाल ने भी कोर्ट में सरेंडर करने के दौरान दावा किया था कि उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है और उनकी हत्या की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा, “मेरे विरोधियों को एके-47 जैसे हथियार मुहैया कराए गए हैं। मैं जेल जा रहा हूं, लेकिन मेरी जान को सबसे बड़ा खतरा जेल जाने और कोर्ट में पेश होने के बीच है।”
वहीं, सत्तारूढ़ NDA, खासकर बीजेपी, ने इस स्थानांतरण को कानून-व्यवस्था की जीत के रूप में पेश किया है। बीजेपी ने 15 अप्रैल 2025 को एक पोस्टर जारी कर रीतलाल सहित RJD के तीन विधायकों को “फरार” घोषित किया था, जिसके बाद रीतलाल ने कोर्ट में सरेंडर किया। बीजेपी नेताओं का दावा है कि नीतीश सरकार अपराधियों पर नकेल कस रही है, चाहे वह किसी भी पार्टी से जुड़ा हो।
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