बिहार को मिला एक और एक्सप्रेस-वे, 525 किमी होगी लंबाई, इन जिलों से होकर गुजरेगी

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केंद्र सरकार ने बिहार को एक और एक्सप्रेस-वे का तोहफा दिया है। बिहार से गुजरने वाली तीसरा एक्सप्रेस-वे होगा, जो आठ जिलों से गुजरेगी। 27 हजार 522 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत यह सिक्सलेन गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे है। वाराणसी-कोलकत्ता एक्सप्रेस-वे और पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे के बाद यह तीसरा एक्सप्रेस-वे है जो बिहार के एक पश्चिमी हिस्से से सीमांचल तक के इलाकों को शानदार सफर का मौका देगी।

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई की बात करें तो 525.6 किमी है, इसमें से सबसे ज्यादा बिहार में 417 किमी का निर्माण होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे को मंजूरी दी है। इस एक्सप्रेस-वे की खासियत होगी कि वाहन चालक 120 किमी प्रतिघंटा की स्पीड से गाड़ी चला सकते हैं।

बिहार में 417 किमी लम्बाई में बनने वाली सड़क आठ जिलों पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज से गुजरेगी। प्रारुप के तहत 66 करोड़ रुपये प्रति किमी की लागत से गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा। इस सड़क से एक साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल को बड़ा फायदा होगा। महज 5 से 6 घंटे में पूरी दूरी तय की जा सकेगी।

इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने के बाद वाराणसी-कोलकाता के बीच का सफर करीब 9 घंटे में पूरा हो जाएगा। अभी औसतन 15 घंटे का समय लगता है। इस परियोजना की कुल लंबाई 610 किलोमीटर है, जिसमें से लगभग 160 किलोमीटर हिस्सा बिहार से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। पटना-गया-डोभी और पटना-आरा-सासाराम मार्गों को वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे से जोड़ने का निर्णय लिया गया है।

पटना से पूर्णिया के बीच 281.95 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा. पटना से पूर्णिया की यात्रा अब 3 घंटे में पूरी की जा सकेगी, जो पहले 7-8 घंटे का समय लगता था. यह एक्सप्रेसवे बिहार के 7 जिलों से गुजरेगा, जिसमें वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा और पूर्णिया शामिल हैं. इसमें  21 बड़े पुल, 140 छोटे पुल, 9 आरओबी, 21 इंटरचेंज बन रहे हैं.  36 महीने यानी तीन साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

बिहार में अब तीसरे एक्सप्रेस-वे के रूप में गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे को मंजूरी मिली है। इस परियोजना के पूर्ण होने से  पश्चिमी व पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज को सबसे बड़ा लाभ होगा। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से इन जिलों का जुड़ाव कई अन्य जिलों से हो जाएगा। वहीं बिहार के लिए तीन अलग अलग हिस्सों में एक्सप्रेस-वे होने से उद्योग और व्यापर को विकास देने में ये सड़कें काफी लाभदायक सिद्ध होंगी।

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