लखीसराय, संवाददाता
लखीसराय में 15 साल से फरार चल रहे कुख्यात नक्सली एरिया कमांडर रावण कोड़ा ने एसपी अजय कुमार के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। रावण पर तीन लाख रुपए का इनाम घोषित था। वह बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में सक्रिय था।
रावण कोड़ा लखीसराय के शीतला कोड़ासी गांव का रहने वाला है। एसटीएफ, एसएसबी और कजरा थाना पुलिस की संयुक्त सर्च ऑपरेशन से दबाव में आकर उसने एसपी कार्यालय में आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण के मौके पर अधिकारियों ने उसे चादर और माला पहनाकर स्वागत किया।
रावण कोड़ा पर लखीसराय, जमुई और मुंगेर जिलों में 26 संगीन नक्सली वारदातों में शामिल होने के आरोप है। साल 2013 में धनबाद-पटना इंटरसिटी ट्रेन में यात्रियों, पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की हत्या कर हथियार लूटने का भी आरोप है। इसके अलावा वह चानन, कजरा, पीरी बाजार (लखीसराय), बरियारपुर (मुंगेर), लड़ैया टांड़, बरहट, खैरा और खड़गपुर (जमुई) थाना क्षेत्रों में दर्ज हत्या, अपहरण, आगजनी और आर्म्स एक्ट जैसे मामलों में वांछित था।
एसपी अजय कुमार ने कहा कि राज्य सरकार की नक्सली पुनर्वास नीति के तहत रावण कोड़ा को सभी सुविधाएं दी जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि चानन, पीरी बाजार और कजरा के जंगलों में लगातार चल रहे सघन सर्च ऑपरेशन के चलते नक्सलियों पर दबाव बढ़ा है। आत्मसमर्पण के दौरान रावण कोड़ा ने कहा कि वह पिछले दस वर्षों से नक्सली संगठन से जुड़ा था और अब उसे समाज की मुख्यधारा में लौटकर राहत और संतोष मिल रहा है। उसने अपने अन्य साथियों से भी आत्मसमर्पण करने की अपील की है।
एसपी अजय कुमार ने भी अन्य वांछित नक्सलियों से अपील की है कि वे मुख्यधारा में लौटकर समाज की सेवा करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसे लोगों को रोजगार, शिक्षा और सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह तैयार है।
15 साल से फरार नक्सली कमांडर रावण कोड़ा ने किया सरेंडर
